Move to Jagran APP

पिपरा काजी और लोहरौली के ग्राम प्रधान का जाति प्रमाणपत्र निरस्त

महराजगंज निचलौल ब्लाक के पिपरा काजी और लोहरौली में अनुसूचित जनजाति के प्रमाणपत्र प्राप्त क

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 12:43 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 12:43 AM (IST)
पिपरा काजी और लोहरौली के ग्राम प्रधान का जाति प्रमाणपत्र निरस्त
पिपरा काजी और लोहरौली के ग्राम प्रधान का जाति प्रमाणपत्र निरस्त

महराजगंज: निचलौल ब्लाक के पिपरा काजी और लोहरौली में अनुसूचित जनजाति के प्रमाणपत्र प्राप्त कर प्रधान बने कमलेश और नरेंद्र देव का जाति प्रमाणपत्र जिलास्तरीय सत्यापन समिति ने निरस्त कर दिया है। इस मामले में लोहरौली और पिपरा काजी के ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

loksabha election banner

पंचायत चुनाव में निचलौल ब्लाक के ग्राम सभा पिपरा काजी और लोहरौली ग्राम पंचायत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई थी। इसके लिए ग्राम सभा लोहरौली से कमलेश और पिपरा काजी से नरेंद्र देव ने पंचायत चुनाव में तहसील की मिलीभगत से अपने अभिलेखों में हेरफेर कर अपना अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र निर्गत करा लिया था। चुनाव जीत जाने के बाद लोहरौली निवासी गुनेश्वर यादव व पिपरा काजी के सिद्धार्थ गौतम ने मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी से मांग की थी। शिकायत के क्रम में जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने जनपदस्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति को मामले की जांच सौंपी थी। जिसके क्रम में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अपर जिलाधिकारी कुंजबिहारी अग्रवाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह और निचलौल के उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार की टीम ने जांच के बाद गुरुवार को दोनों के जाति प्रमाणपत्रों को निरस्त कर दिया है।

--

ग्रामीणों ने मनरेगा कार्य में धांधली करने का लगाया आरोप

निचलौल : स्थानीय विकास खण्ड क्षेत्र के भगवानपुर के ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार को एक लिखित शिकायती पत्र देकर मनरेगा कार्य में धांधली करने का आरोप लगाया है। इन लोगों ने अधिकारियों से जिम्मेदारों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही जल्द जांच नही होने पर जिम्मेदारों के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है। भगवानपुर गांव निवासी मेवालाल पासवान, मुन्ना यादव, राजकुमार यादव, रामअवध, आशुतोष यादव आदि ने उपजिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में बताया है कि विगत दिनों ग्राम प्रधान एवं रोजगार सेवक द्वारा गांव स्थित एक पोखरी का सुंदरीकरण कराया गया था। जिसमें 35 मजदूरों ने करीब तीन से चार दिनों तक कार्य किया था। लेकिन जिम्मेदारों ने मनरेगा कार्य में धांधली करते हुए बगैर कार्य किए लोगों के खातों में तीन लाख 54 हजार रुपये का भुगतान कर दिया। आरोप है कि मामला उजागर होने के बाद जिम्मेदार द्वारा कार्य स्थल पर लगे बोर्ड को पेंट से रंगाई कर साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की गई। जबकि ग्राम प्रधान जाहिदा के पति जाबिर ने कहा कि आरोप निराधार है। जो मजदूर कार्य किए हैं। उन्हीं के खाते में रकम भेजी गई है। इस संबंध उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है। जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीडीओ को निर्देशित किया गया ही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.