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ग्राहकों के विश्वास के ट्रैक पर दौड़ी व्यापार की गाड़ी

ग्राहकों की समझ को परखने की काबिलियत होना बहुत जरूरी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:03 AM (IST)
ग्राहकों के विश्वास के ट्रैक पर दौड़ी व्यापार की गाड़ी
ग्राहकों के विश्वास के ट्रैक पर दौड़ी व्यापार की गाड़ी

महराजगंज: कारोबार में प्रतिदिन सफलता प्राप्त करने व ऊचांइयों पर पहुंचने के लिए नई सोच, समाज की मांग को समझकर उसे संभालने का हुनर और ग्राहकों की समझ को परखने की काबिलियत होना बहुत जरूरी है। कारोबार में अपने प्रतिद्वंदियों के मुकाबले बेहतर करने के लिए सिर्फ धन से ही काम नहीं चलता, इसके लिए ग्राहकों में अच्छी पकड़ और उनके आवश्यकता को समय पर पूरा करना होता है। इन्हीं सारी चीजों ने कोरोना संकट के दौरान कारोबार के लिए खड़ी हुईं चुनौतियों से लड़ने में विजय कुमार-अमित कुमार बिल्डिग मैटेरियल के मालिक विजय कुमार जायसवाल की मदद की। सोशल मीडिया की मदद से उन्होंने मुश्किल वक्त में भी ग्राहकों से संवाद बनाए रखा। ग्राहकों ने भी हौसला दिखाया। जिससे उनके कारोबार का पहिया घूमता रहा। हालांकि लॉकडाउन के दौरान सीमेंट आदि के खराब होने से उन्हें काफी नुकसान हुआ , लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। विजय कहते हैं कि किसी भी कारोबार में सफलता के लिए आपको अपनी सोच को बदलने की जरूरत है। चुनौतियों को अवसर में बदलकर हम एक नई और उंची मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं। 1995 में शुरू किया था व्यापार:

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विजय कुमार जायसवाल ने कहा कि पिता मुखलाल प्रसाद जायसवाल के नेतृत्व में ईंट भठ्ठे का उद्योग संचालित होता था, पिता के व्यापार को देखते हुए व्यापार के प्रति झुकाव बढ़ता गया। हाईस्कूल की पढ़ाई के बाद पिता की मदद से कालेज रोड पर बिल्डिग मैटेरियल का कारोबार 1995 में शुरू कर दिया। उस वर्ष मात्र 50 हजार रुपये की कीमत से दुकान की शुरूआत की थी। पढ़ाई के साथ-साथ व्यापार में बढ़ोत्तरी होती गई। लॉकडाउन के साथ मिली जिम्मेदारी तो व्यापारियों को भी संभाला:

विजय कुमार जायसवाल एक कुशल व्यापारी के साथ-साथ अखिल भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष भी हैं। वह बतातें हैं कि जिलाध्यक्ष बनने के बाद लाकडाउन की शुरूआत में व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गईं। काम धंधे बंद हो गए। व्यापारियों की दुकानों समेत अन्य कच्चे सामानों के खराब होने की चिता सताने लगी । ऐसे में उन्होंने न सिर्फ व्यापारियों को संभालने का कार्य किया, बल्कि प्रशासन से सहयोग प्राप्त कर कच्चे सामानों की बिक्री सुनिश्चित कराने में हरसंभव प्रयास किया। इसके बावजूद गोदाम में रखी 570 बोरी सीमेंट खराब हो गया।

डिजिटल पेमेंट को मिला बढ़ावा:

विजय जायसवाल ने बताया कि लाकडाउन के बाद भले ही ग्राहकों ने दुकान पर आना शुरू किया, लेकिन संक्रमण के डर से कैश के लेनदेन को लोगों ने ज्यादा तरजीह नहीं दी। इस दौरान आनलाइन पेमेंट को लेकर लोगों ने काफी अच्छी पहल की। हमने भी ग्राहकों की मांग पर गूगल पेमेंट का उपयोग किया, जिससे काफी राहत मिली। लॉकडाउन के दौरान लोगों तक न पहुंचा पाने की स्थिति में हमने सोशल मीडिया के सहारे लोगों तक अपनी बात पहुंचाई और आनलाइन आर्डर प्राप्त कर घरों तक सामान पहुंचाया।

ग्राहकों से बनाए रखा संवाद, कर्मचारियों का दिया पूरा साथ:

विजय जायसवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल का दौर ऐसा आया, जिससे बहुत कुछ बदल गया। इस दौरान कर्मचारियों और ग्राहकों को लगातार अपडेट करने का काम किया। हमने कर्मचारियों और ग्राहकों को हर बात की जानकारी दी। दुकान पर कार्यरत स्टाफ से समय-समय पर उनकी जरुरतों को पूछते रहे। संक्रमण के दौरान ग्राहकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अधिकांश लोगों को पेमेंट देरी व किश्तों में देने के लिए छूट दी गई। मौजूदा समय में लोग अपने घर से बाहर निकलना तभी पसंद करते हैं, जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो। ऐसे में तकनीकी के माध्यम से जो भी संभव था किया गया।


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