भागवत कथा के श्रवण से मिलती है प्रेत योनि से मुक्ति
महराजगंज: फरेंदा विकास खंड के ग्राम सभा कम्हरियां में आयोजित भागवत कथा के पहले दिन पंडि
महराजगंज: फरेंदा विकास खंड के ग्राम सभा कम्हरियां में आयोजित भागवत कथा के पहले दिन पंडित अर्जुन प्रसाद मिश्र ने गोकर्ण व धुंधकारी की कथा का रसपान कराया। गोकर्ण व धुंधकारी की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि सुंगभद्रा नदी के किनारे एक ब्राह्मण रहते थे। उनके पास कोई संतान नहीं थी। जिससे वह काफी दुखी रहते थे। उनकी पत्नी का नाम धुंधुही था। ब्राह्मण को संन्यासी ने एक फल दिया। जिसे वह अपने पत्नी को लाकर दिया। उनकी पत्नी ने फल अपनी गाय को खिला दिया। जिससे गोकर्ण पैदा हुआ। जबकि उसकी बहन के गर्ग से धुंधकारी पैदा हुआ। वह बहुत ही दुष्ट था। जो मदिरा पान, चोरी सहित अन्य बुरे कर्मों में लिप्त रहता था। एक बार वह चोरी करने के बाद सामान लेकर वेश्याओं के पास आ गया। वेश्याओं ने सोचा अगर यह पकड़ा जाएगा तो हम लोगों को भी सजा मिलेगी। इसी भय से उन लोगों ने उसे मार डाला और धन लेकर फरार हो गई। बाद में गोकर्ण ने भागवत की कथा के माध्यम से उन्हें मोक्ष दिलाया। चारों ऋषियों के द्वारा भागवत कथा के बारे में बताया जाता है। इस अवसर पर विन्ध्यवासिनी पांडेय, नंदलाल पांडेय, राम नरायन यादव, कृपा नरायन यादव, भीम यादव, राजबली, अभय, आदर्श, ज्ञानमती, परमज्योति, राधिका, रंजीता, सुमन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।