सोनवल में है चमगादड़ों का बसेरा
पाकड़ पीपल के पेड़ों पर हैं हजारों चमगादड़
महराजगंज: कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर लोग भयभीत हैं। चमगादड़ों को लोग इस बीमारी का संवाहक मानते हुए इससे दूरी बना रहे हैं। वहीं मह राजगंज जिले का सोनवल एक ऐसा गांव है, जहां चमगादड़ों का नाता लंबे समय से जुड़ा है। यहां चमगादड़ों को देख ग्रामीण भयभीत नहीं होते, बल्कि उन्हें परिवार का सदस्य मानते हैं।
पांच हजार से अधिक आबादी वाले इस गांव में पाकड़, पीपल के कई पेड़ों पर करीब 40 वर्षों से चमगादड़ रह रहे हैं। महामारी फैलने के साथ चमगादड़ों के बारे में चर्चाएं शुरू हुईं, तो गांव वाले दहशत में थे। लेकिन समय के साथ हालात बदलते गए। गांव वाले अब इस बात से पूरी तरह आश्वस्त हैं कि चमगादड़ों से उनका कोई नुकसान नहीं हो सकता, न ही यह चमगादड़ कोरोना संक्रमण के संवाहक हैं। सोनवल की तरह ही पुरंदरपुर के साप्ताहिक बाजार में स्थित पीपल के पेड़ पर बड़ी संख्या में चमगादड़ मौजूद हैं। तालाब के पानी से प्यास बुझाते हैं चमगादड़: गर्मी से बेहाल होने के बाद चमगादड़ों का झुंड गांव के किनारे तालाब के पानी से प्यास बुझाकर फिर ठिकाने पर लौट आते है। गांव के पूर्व प्रधान महेश चौधरी बताते हैं कि गांव में चमगादड़ों के उपस्थिति काफी लंबे समय से है। क्षेत्र में जब कोरोना का प्रभाव बढ़ा तो ग्रामीण भयभीत हुए, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। सितंबर 2017 में हुई थी शिकारमाही: 18 सितंबर 2017 को चमगादड़ों का शिकार करने का मामला प्रकाश में आया था। जाल बरामदगी के बाद दक्षिणी चौक रेंज के तत्कालीन वनदारोगा अशोक सिंह ने चार लोगों के खिलाफ शिकारमाही का मामला दर्ज किया था। महराजगंज के सोनवल व पुरंदरपुर के साप्ताहिक बाजार परिसर में स्थित पेड़ों पर बड़ी संख्या में चमगादड़ मौजूद हैं। गर्मी बढ़ने से पेयजल आदि की समस्या न हो, इसका ध्यान रखने का निर्देश दिए गए हैं।
पुष्प कुमार, डीएफओ, महराजगंज