बैंकों में धूल फांक रही रोजगार योजना की 148 फाइलें
महराजगंज गांवों से शहरों को होने वाले पलायन को रोकने के लिए चालू की गई बाबा साहब आ
महराजगंज: गांवों से शहरों को होने वाले पलायन को रोकने के लिए चालू की गई बाबा साहब आंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना बैंकों की लापरवाही के कारण दम तोड़ रही है। आलम यह है कि रोजगार के उद्देश्य से ऋण के लिए आवेदन की गई 148 फाइलें विभिन्न बैंकों में डंप है। बेरोजगार बैंकों व विकास विभाग का चक्कर लगा रहे हैं और अधिकारी सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिला रहे हैं।
दरअसल बाबा साहब आंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत कोई भी व्यक्ति दो से पांच लाख रुपये का लोन लेकर स्वरोजगार कर सकता है। योजना के तहत चयनित अनुसूचित जाति के लाभार्थी को 35 फीसद अथवा 70 हजार रुपये की अधिकतम धनराशि तथा सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 25 फीसद अथवा अधिकतम 50 हजार रुपये की धनराशि का अनुदान दिया जाता है। योजना का लाभ पाने के लिए बेरोजगारों ने जिले के विभिन्न बैंकों में आवेदन किए। इसके बाद ऋण स्वीकृत कराने के लिए एड़ी चोटी लगा दी। लेकिन अधिकांश को सफलता नहीं मिली। फाइलों को स्वीकृत करने में बैंकों की लेट-लतीफी की कार्यप्रणाली से बेरोजगारों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। हालांकि लीड बैंक के मैनेजर एसके श्रीवास्तव द्वारा 14 मार्च तक सभी फाइलों को स्वीकृत करने के लिए अंतिम समय सीमा निर्धारित की गई है। बावजूद बैंकों के अधिकारियों द्वारा शिथिलता जारी है।
मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा कि बैंकों में ऋण के लंबित फाइलों के निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है। अभी पिछले दिनों काफी फाइलें स्वीकृत हुई है। शेष लंबित फाइलों को त्वरित निर्देशित करने के निर्देश संबंधित बैंकों के अधिकारियों को दिए गए हैं।