बातचीत या मध्यस्थता से नहीं हल होगा राम जन्मभूमि विवाद : जिलानी
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि राम जन्मभूमि विवाद मसला अब बातचीत या फिर मध्यस्थता से हल नहीं हो सकता।मुस्लिम पक्ष मस्जिद के सरेंडर को तैयार नहीं है।
लखनऊ (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद के मामले में सुनवाई की तारीख नजदीक आने के साथ ही इससे जुड़े शख्स सक्रिय होते जा रहे हैं। इस मामले में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि बातचीत या फिर मध्यस्थता से अब यह मसला हल नहीं हो सकता।
आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि बोर्ड के सदस्य मध्यस्थता को तैयार नहीं हैं। श्रीश्री रविशंकर को अपनी मंशा बोर्ड को लिखनी चाहिए। जिलानी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष मस्जिद के सरेंडर को तैयार नहीं है। बोर्ड के सदस्य की श्रीश्री से मुलाकात के संबंध में जिलानी ने कहा बोर्ड के एक सदस्य की एक कार्यक्रम में श्रीश्री रविशंकर मुलाकात हुई थी।
दूसरे पक्ष यानी रामलला विराजमान की वकील रंजना अग्निहोत्री ने इस बारे में श्रीश्री रविशंकर पर आरोप लगाया कि उन्हें मामले में तथ्यों की जानकारी नहीं है। वह इसकी आड़ में नोबेल पुरस्कार की दौड़ में आना चाहते हैं। रंजना अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि श्रीश्री रविशंकर इस्लामिक देशों के संपर्क में हैं। वह तो नोबेल पुरस्कार की दौड़ मे आना चाहते हैं। उन्हें इस मामले में तथ्यों की जानकारी नहीं है। रंजना ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर के बयान से हिंदुओं की आस्था आहत हुई है हम किसी मध्यस्थता को तैयार नहीं हैं।
श्रीश्री रविशंकर के ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने कहा है कि राम मंदिर विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने में मदद के लिए इसके संस्थापक श्री श्री रविशंकर निर्मोही अखाड़ा के आचार्य रामदास सहित कई इमामों और स्वामियों के साथ संपर्क में हैं। फाउंडेशन ने कहा कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना बहुत जल्दबाजी होगी और बातचीत सरकार की ओर से नहीं की जा रही है।
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ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि रविशंकर निर्मोही अखाड़ा के आचार्य रामदास सहित कई इमामों और स्वामियों के साथ संपर्क में हैं। इसमें बताया गया है, गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर का मानना है कि राम मंदिर मुद्दे पर मौजूदा माहौल, दोनों पक्षों के लोगों को एक अवसर मुहैया कराता है ताकि वो एक साथ आएं, अपनी उदारता दिखाएं और अदालत से बाहर मामले को निपटाएं।
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फाउंडेशन ने कहा कि बातचीत किसी भी सरकार या संगठन की ओर से नहीं है। हालांकि, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविशंकर के साथ किसी तरह के बैठक की खबरों से इंकार किया है।
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बोर्ड ने कहा था कि अगर रविशंकर चाहते हैं तो वो उनसे बातचीत के लिए तैयार है क्योंकि उन्हें बातचीत करने और समाधान खोजने में मदद करने में कोई समस्या नहीं है।