जफरयाब जिलानी बोले, 'मैंने बनवाईं कब्रिस्तान की जमीन पर दुकानें', इसके लिए नक्शे की जरूरत नहीं
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि मैंने सुन्नी वक्फ बोर्ड से इजाजत लेकर बनवाई दुकानें जिलानी के छोटे भाइयों के खिलाफ एलडीए की प्रवर्तन कोर्ट में दायर किया गया मुकदमा कार्रवाई को जिलानी ने बताया गलत।
लखनऊ [ऋषि मिश्र]। मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सचिव और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने खुद माना है कि उन्होंने ही सुप्पा कब्रिस्तान की खाली पड़ी भृूमि पर दुकानों का निर्माण करवाया है। इन दुकानों का नक्शा एलडीए से नहीं पास करवाया गया है। जिसको लेकर एलडीए की प्रवर्तन कोर्ट में जिलानी के दोनों छोटे भाइयों इंतेखाब जिलानी और मसूद जिलानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। दोनों को अब प्राधिकरण के कोर्ट में पेश होना होगा। दूसरी ओर जिलानी का स्पष्ट कहना है कि वे सुप्पा कब्रिस्तान के मुतवल्ली हैं और उनको ये पता है कि कब्रिस्तान की खाली जमीन पर दुकानों के निर्माण के लिए किसी भी तरह का नक्शा पास करवाए जाने की कोई जरूरत नहीं है।ये दुकानें कब्रिस्तान का खर्च उठाने के लिए बनवाई गई हैं।
सुप्पा का कब्रिस्तान की 16 निर्माणाधीन दुकानों को एलडीए की टीम ने मंगलवार को सील कर दिया था। इससे पहले प्रवर्तन का केस उनके दोनों भाइयों इंतेखाब और मसूद जिलानी के खिलाफ दर्ज किया गया था।जिसके बाद इसमें जिलानी परिवार का हाथ होने की बात सामने आई। एलडीए की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि प्रवर्तन की टीम रिसर्च करती है और अवैध निर्माण करवाने वाले लोगों पर वाद दर्ज किया जाता है। जिसमें ये नाम सामने आए हैं।
जागरण संवाददाता ने इस विषय पर जब जफरयाब जिलानी से बात की तो उन्होंने इस बात को माना कि वे खुद सुप्पा कब्रिस्तान के मुतवल्ली हैं। उन्होंने इन दुकानों के निर्माण करने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड से इजाजत ली है। खाली स्थान पर दुकानों का निर्माण करवाया है। इन दुकानों के लिए नक्शा पास करवाने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में एक पुराना शासनादेश है जिसमें निर्माण के लिए प्राधिकरण से नक्शा पास करवाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि हम एलडीए से इस बारे में जवाब मांगेंगे कि आखिर ये कार्रवाई क्यों की गई है।
मगर मंत्री कहते हैं कि कब्रिस्तान पर निर्माण नहीं हो सकता
दूसरी ओर इस मामले में वक्फ राज्य मंत्री मोहसिन रजा बताते हैं कि किसी भी कब्रिस्तान पर कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकता है। किसी भी तरह का निर्माण गलत होता है।
ये है मामला
लखनऊ । ऐशबाग के मोतीझील में सुप्पा के वक्फ कब्रिस्तान में कब्रों के ऊपर करीब चार दर्जन अवैध दुकानों का निर्माण किया गया है। जिनमें 16 निर्माणाधीन दुकानों को एलडीए ने मंगलवार को सील कर दिया था।
सुन्नी वक्फ बोर्ड का ये कब्रिस्तान है। स्थानीय लोगों की शिकायतें हैं कि ये दुकानें बनने से इस सड़क पर जाम लगेगा और ये अवैध निर्माण है।
सुप्पा कब्रिस्तान पर करीब 100 साल पुराना है। यहां अनेक नामी हस्तियों की कब्र हैं। जिनमें लखनऊ के प्रख्यात संगीतज्ञ अहमद जान थिरकवा की भी कब्र है। इस कब्रिस्तान का केयर टेकर उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड है। पिछले कुछ दिनों से यहां रहने वाले लोग इस बबात को लेकर परेशान हैं कि यहां अचानक दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। 32 दुकानें पहले बनाई गई हैं अब 16 दुकानें और भी बनाई जा रही हैं। सभी दुकानों का रुख उस सड़क की ओर है जो कब्रिस्तान के पास से गुजरती है। लोगों का आशंका है कि जब ये सारी दुकानें खुल जाएंगी तो यहां जाम लगेगा। दूसरी ओर उनको अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई न होने से भी परेशानी है। आखिरकार मंगलवार निर्माण सील कर दिया गया है।