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योगी के मंत्री की दो टूकः 27 को रैली कर खोलेंगे भाजपा का कच्चा चिट्ठा

आरक्षण में अति पिछड़ों और अति दलितों का कोटा निर्धारित नहीं हुआ तो वह 27 अक्टूबर की अपनी रैली में भाजपा का कच्चा चिट्ठा खोलेंगे और गठबंधन पर विचार करेंगे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 10:24 AM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 10:24 AM (IST)
योगी के मंत्री की दो टूकः 27 को रैली कर खोलेंगे भाजपा का कच्चा चिट्ठा
योगी के मंत्री की दो टूकः 27 को रैली कर खोलेंगे भाजपा का कच्चा चिट्ठा

लखनऊ (जेएनएन)। योगी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री और राजग के घटक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के वादे की समय सीमा 26 अक्टूबर को पूरी हो रही है। अगर उससे पहले आरक्षण में अति पिछड़ों और अति दलितों का कोटा निर्धारित नहीं हुआ तो वह 27 अक्टूबर की अपनी रैली में भाजपा का कच्चा चिट्ठा खोलेंगे और गठबंधन पर विचार करेंगे।

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राजभर ने 27 अक्टूबर को पार्टी के 16वें स्थापना दिवस पर रमाबाई अंबेडकर मैदान में रैली आयोजित की है। गुरुवार को वह अपने लाव-लश्कर के साथ रैली स्थल का निरीक्षण करने गए थे। उनका आक्रोश फूट पड़ा। बोले, अमित शाह 20 मार्च को आरक्षण में कोटा निर्धारित करने का वादा कर गए और फिर जब 11 अप्रैल को लखनऊ आए तो भी बोले कि लोकसभा चुनाव से छह माह पहले यह मांग पूरी कर देंगे। 2017 से ही वह लालीपॉप दे रहे हैं लेकिन, हमने भी तय कर लिया है कि अब आर या पार।

सपा और बसपा से समझौते के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। सब लोग अपने लिए रास्ता तलाशते हैं। यह भी कहा कि इस सरकार में मंत्री हूं लेकिन, 200 मीटर सड़क और अपनी पार्टी के लिए एक कार्यालय नहीं पा सका हूं। आरक्षण में भागीदारी करने में आखिर इन्हें क्यों दिक्कत है, क्योंकि ये लोग पिछड़ों के लिए कुछ करना नहीं चाहते हैं।

राजभर को निगल, न उगल पा रही भाजपा

राजभर भाजपा के लिए हर दिन मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। पहले प्रदेश सरकार पर वह हमलावर थे मगर अब वह केंद्रीय नेतृत्व पर भी तीर चलाने लगे हैं। फिर भी भाजपा उनको न निगल, न उगल पा रही है। उनकी बर्खास्तगी को लेकर भी भाजपा असमंजस बना है। चूंकि राजभर का मामला भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पास लंबित है इसलिए भाजपा नेता उनके बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। कई प्रवक्ता और प्रमुख नेताओं से उनके बारे में पूछा गया लेकिन, सबने टालमटोल किया।  


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