तीन साल में तीन एक्सप्रेस-वे देने की तैयारी में योगी सरकार, चमकेगी अयोध्या
दो वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास के कई योजनाओं की घोषणा की है। चुनाव नतीजों के बाद उनका पूरा जोर इनके समयबद्ध क्रियान्वयन पर होगा।
लखनऊ, जेएनएन। दो वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास के कई योजनाओं की घोषणा की है। चुनाव नतीजों के बाद उनका पूरा जोर इनके समयबद्ध क्रियान्वयन पर होगा। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस वे, अधूरी नहरों को पूरा कर सिंचन क्षमता विस्तार, मेट्रो रेल से आगरा और कानपुर को अराजक यातायात से राहत प्रमुख काम होंगे। कुंभ के दौरान प्रयागराज के विकास के बहुत काम हुए हैं। लिहाजा अयोध्या, वाराणसी और गोरखपुर और लखनऊ का समग्र विकास प्राथमिकता होगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे-लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-56) के चांद सराय लखनऊ से गाजीपुर के हैदरिया गांव तक जाने वाले एक्सप्रेस-वे का 14 जुलाई को प्रधानमंत्री शिलान्यास कर चुके हैं। इसके निर्माण पर 23350 करोड़ रुपये लागत आएगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे-चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होकर बांदा हमीरपुर, जालौन, औरैया होकर यह एक्सप्रेस-वे इटावा के कुदरैल गांव के पास आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। 294.264 करोड़ रुपये वाली परियोजना की लागत 14716.26 करोड़ है। गंगा एक्सप्रेस-वे वर्ष 2021 में मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाली गंगा एक्सप्रेस वे पर सरकार का फोकस होगा। चार लेन और 36 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस सड़क की लंबाई 600 किमी होगी।
अधूरी नहरें : सरकार का लक्ष्य 2019 के अंत तक 20 लाख अतिरिक्त भूमि को सिंचन के दायरे में लाना है। लिहाजा सरकार का जोर अधूरी पड़ी सरयू नहर, मध्य गंगा नहर, बदायूं, एरच, भौरट और कनहर सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने पर है।
आगरा और कानपुर के मेट्रो रेल परियोजना में तेजी
प्रधानमंत्री मार्च-2018 में 8380 करोड़ रुपये की आगरा मेट्रो परियोजना का शिलान्यास कर चुके हैं। कानपुर मेट्रो परियोजना केंद्रीय मंत्रिपरिषद से मंजूर हो चुकी है। रैपिड ट्रांजिट सिस्टम एवं मेट्रो सर्विस के पहले कॉरिडोर का भी शिलान्यास हो चुका है। 82.15 किमी लंबे रेल कॉरिडोर निर्माण की लागत 30274 करोड़ रुपये है।
शहर जिनका कायाकल्प होगा
कुंभ के नाते प्रयागराज में विकास के रिकॉर्ड काम हुए। अब अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ की बारी है। राजधानी होने के नाते लखनऊ और प्रधानमंत्री की संसदीय सीट की वजह से वाराणसी प्राथमिकता रहेंगे। इस दौरान गुजरात के स्टैचू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर अयोध्या में श्रीराम की भव्य प्रतिमा का स्वरूप उभरकर सामने आने लगेगा। मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर को भी बड़ी सौगातें मिल सकती हैं। वहां 100 एकड़ में सैनिक स्कूल, इतनी ही जमीन में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान खोलने की योजना है। कृषि विभाग से पशु पालन विभाग को भूमि हस्तांतरण होने के साथ चरगांवां में पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय का निर्माण भी शुरू हो जाएगा।
आज होगी एक्सप्रेस वे, गन्ना मूल्य भुगतान, गेंहू खरीद की समीक्षा
चुनावी व्यस्तता खत्म होते ही नतीजों की प्रतीक्षा किये बिना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने एजेंडे के अनुसार, काम में जुट जाएंगे। मंगलवार को गोरखपुर से लौटने के बाद ही वह पूर्वांचल, बुंदेलखंड गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा लखनऊ और आगरा मेट्रो, गेंहू खरीद, गन्ना मूल्य भुगतान और 68 हजार बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी समीक्षा करेंगे।
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