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योगी के राज्यमंत्री के गले की फांस बनी नौकरी देने की सिफारिश

संगठन से इस बात की हिदायत है कि आचरण और व्यवहार से कोई भी मंत्री या जनप्रतिनिधि विपक्ष को सवाल उठाने का मौका न दे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 02:02 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 03:31 PM (IST)
योगी के राज्यमंत्री के गले की फांस बनी नौकरी देने की सिफारिश
योगी के राज्यमंत्री के गले की फांस बनी नौकरी देने की सिफारिश

लखनऊ (जेएनएन)। योगी सरकार के श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को नौकरी देने की सिफारिश गले की फांस बन गई है। समाजवादी पार्टी ने मनोहर लाल के इस कृत्य को अलोकतांत्रिक बताते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि राज्यमंत्री का आचरण लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उधर, भाजपा नेतृत्व ने मंत्री के इस कृत्य को गंभीरता से लिया है।

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मनोहर लाल ललितपुर जिले की महरौली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने गत दिनों स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजकर जिला अस्पताल ललितपुर में तैनात संविदाकर्मियों को सपा मानसिकता का बताकर हटाने और उनकी जगह भाजपा कार्यकर्ताओं की तैनाती की सिफारिश की। इस पत्र के वायरल होने के बाद मंत्री सवालों के घेरे में आ गए।

समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि 'यह सरकार ही ऐसी है। मंत्री जो शपथ ले रहे, उसका भी पालन नहीं कर रहे। मंत्री तो राग-द्वेष से ऊपर उठकर कार्य करता है लेकिन, इस तरह का अलोकतांत्रिक आचरण से यह जाहिर हो रहा है कि सरकार किस दिशा में जा रही है। चौधरी ने कहा कि 'मुख्यमंत्री को यह विचार करना चाहिए कि उनके मंत्रिमंडल में कैसे लोग रहें।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेतृत्व ने मंत्री के इस कृत्य को गंभीरता से लिया है। हालांकि जब इस बारे में प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'यह प्रकरण मीडिया के जरिये संज्ञान में आया है। नेतृत्व इस मामले की विस्तृत जांच करेगा और तभी इस पर कोई टिप्पणी करेंगे।

ध्यान रहे कि पिछले दिनों हुई बैठक में आरएसएस ने कई मंत्रियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई थी। संगठन से इस बात की हिदायत है कि आचरण और व्यवहार से कोई भी मंत्री या जनप्रतिनिधि विपक्ष को सवाल उठाने का मौका न दे। इस संदर्भ में मनोहर लाल से बातचीत का प्रयास किया गया लेकिन, अपना पक्ष रखने की बजाय वह कन्नी काट गए।  


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