National Family Benefit Scheme: राष्ट्रीय पारिवारिक योजना का फर्जीवाड़ा रोकेगी योगी सरकार, आनलाइन साफ्टवेयर में बदलाव करने की तैयारी
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में पिछले दिनों लखनऊ व कानपुर में हुई नमूना जांच में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार अब इसमें बदलाव करने जा रही है। अपात्रों के हाथों में योजना का लाभ न जाने देने के लिए साफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में पिछले दिनों लखनऊ व कानपुर में हुई नमूना जांच में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रदेश सरकार अब इसमें अहम बदलाव करने जा रही है। अपात्रों के हाथों में योजना का लाभ न जाने देने के लिए साफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है। योजना को छात्रवृत्ति योजना की तर्ज पर आधार से लिंक किया जाएगा। मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने के बाद ही आवेदन पत्र भरे जा सकेंगे। दरअसल, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों में कमाऊ मुखिया की मृत्यु होने पर सरकार 30 हजार रुपये की एक मुश्त सहायता प्रदान करती है। इस योजना में लखनऊ व कानपुर में अपात्रों को योजना का लाभ देने की शिकायतें मिली थीं।
लखनऊ में पति के जीवित रहने पर भी महिलाओं ने योजना का लाभ ले लिया था, जबकि कानपुर में भी गरीबी रेखा से ऊपर के कुछ परिवारों को इस योजना का फायदा दिया गया। इसी प्रकार गरीब कन्याओं की शादी अनुदान योजना में 20 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। इसमें भी कुछ ऐसे लोगों को शादी अनुदान योजना का लाभ दिया गया, जिनके बेटियां ही नहीं हैं। प्रमुख सचिव समाज कल्याण के रविन्द्र नायक ने बताया कि कानपुर व लखनऊ में हुई जांच में तमाम गड़बड़ियां मिली हैं।
कानपुर में जिलाधिकारी ने पांच हजार लाभार्थियों की जांच कराई, जिसमें 212 मामले फर्जी मिले हैं। इस मामले में पहले ही कानपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है। लाभार्थियों के प्रमाण पत्रों की सही जांच न करने के मामले में कई लेखपालों को कानपुर के जिलाधिकारी पहले ही निलंबित कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना में कई जगह दलाल मिले हैं। वे खुद ही प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा कर आवेदन पत्र भर देते हैं, बाद में लाभार्थियों से आधी रकम हड़प लेते हैं। इस मामले की जांच चल रही है, जो भी दोषी और मिलेंगे कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस योजना के आनलाइन साफ्टवेयर में सुरक्षा के नए इंतजाम किए जा रहे हैं। यानी अभ्यर्थी के मोबाइल पर पहले ओटीपी आएगा और उसे दर्ज करने पर ही आवेदन पत्र भरा जा सकेगा। प्रमुख सचिव ने निदेशक को भी इस योजना की गड़बड़ियां रोकने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जहां से भी शिकायतें मिल रही हैं वहां गंभीरता से जांच कराने के लिए कहा है।