सरकारी फिजूलखर्ची पर योगी सरकार की कैंची, होटलों में नहीं होंगे सरकारी आयोजन
नये साल व अन्य अवसरों पर सरकारी खर्च पर बधाई संदेश भेजने, कैलेंडर, डायरी व पर्सनल लेटर छपवाकर उन्हें बांटने को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
लखनऊ (जेएनएन)। अब निजी होटलों में सरकारी बैठकें और सम्मेलन नहीं होंगे। इसके लिए सरकारी भवन/परिसर का इस्तेमाल किया जाएगा। पांच सितारा होटलों में सरकारी भोज भी आयोजित नहीं होंगे। विशेष परिस्थिति में मुख्य सचिव के पूर्व अनुमोदन से ही अपवाद स्वरूप ऐसा किया जा सकेगा। सरकारी काम से की जाने वाली यात्राओं को न्यूनतम रखने की हिदायत दी गई है। अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर सरकारी मुलाजिम शासकीय कार्य के लिए इकोनॉमी क्लास में ही हवाई यात्रा करेंगे। नये साल व अन्य अवसरों पर सरकारी खर्च पर बधाई संदेश भेजने, कैलेंडर, डायरी व पर्सनल लेटर छपवाकर उन्हें बांटने को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में सरकारी फिजूलखर्ची रोकने, प्रशासनिक खर्च में मितव्ययता लाने और संसाधनों का विकास कार्यों के लिए अधिकतम इस्तेमाल करने के उद्देश्य से यह फैसले किये हैं। मुख्य सचिव डॉ.अनूप चंद्र पांडेय ने मंगलवार को सभी विभागों को इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर दिये हैं। यह दिशानिर्देश सार्वजनिक उपक्रमों, स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं और राज्य विश्वविद्यालयों पर भी लागू होंगे।
चिकित्सा और पुलिस विभागों में ही स्वीकृत होंगे नये पद
शासन ने विभागों में अनुपयोगी पदों को चिह्नित कर उन्हें समाप्त करने का फैसला किया है। ऐसे पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों को यथासंभव अन्य पदों या दूसरे विभागों में समायोजित किया जाएगा। वहीं चिकित्सा और पुलिस विभागों को छोड़कर सामान्य तौर पर नये पद नहीं स्वीकृत किये जाएंगे। विभिन्न विभागों में सलाहकार, अध्यक्ष, सदस्य, आदि अस्थायी पदों के लिए सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था के लिए कोई पद नहीं सृजित किया जाएगा। इसकी व्यवस्था सरप्लस स्टाफ या आउटसोर्सिंग से की जाएगी।
सेवा नियमों के विपरीत नियत वेतन, दैनिक वेतन, संविदा आदि पर कर्मचारी नियुक्त करने पर पहले की तरह प्रतिबंध बना रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में बाहरी एजेंसी, सेवा प्रदाता से कांट्रैक्ट करते हुए काम कराये जाएंगे। चतुर्थ श्रेणी के पदों के साथ कुछ विशिष्ट/तकनीकी कार्य के लिए सृजित वाहनचालक, माली, वायरमैन, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मिस्त्री, लिफ्टमैन, एसी मैकेनिक व इसी प्रकार के रिक्त होने वाले अन्य सभी पदों पर नियमित नियुक्तियां न करते हुए यह सभी काम आउटसोर्सिंग से कराये जाएंगे।
बंद हों अनुपयोगी योजनाएं
मुख्य सचिव ने राज्य की योजनाओं की नियमित समीक्षा करने और जो अनुपयोगी हों, उन्हें खत्म करने पर विचार करने के लिए कहा है। केंद्र व राज्य की योजनाओं के संचालन के लिए जिम्मेदार कार्मिकों को अनुमन्य दरों के अनुसार ही टीए, डीए, एचआरए, सीसीए, एलटीसी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान करने के लिए कहा गया है। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात का कड़ाई से पालन करने और सरप्लस अध्यापकों को शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में तैनात करने का निर्देश दिया गया है।
नये अतिथिगृह, दफ्तर नहीं
विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, प्राधिकरणों व अन्य सरकारी स्वायत्तशासी संस्थाओं को नये अतिथि गृह नहीं खोलने के लिए कहा गया है। नये जिलों व मंडलों को छोड़कर मुख्यालय पर नये दफ्तर और आवासीय भवन नहीं बनाने का फरमान सुनाया गया है। नया पद ग्रहण करने पर आफिस के फर्नीचर और साजसज्जा को बदलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए कहा गया है।
प्राइवेट टैक्सी मंजूर नहीं
सुरक्षा की जरूरतों को छोड़कर नये वाहन खरीदने से भी मना किया गया है। विभागों में पहले से मौजूद जो वाहन निष्प्रयोज्य हो रहे हैं, उनकी जगह नये वाहन नहीं खरीदने और यह काम आउटसोर्सिंग से कराने का निर्देश दिया गया है। यदि सरकारी काम के लिए अनुबंध पर टैक्सी ली जानी है तो प्रशासकीय विभाग को इसके लिए पहले वित्त विभाग से सहमति लेनी पड़ेगी। सिर्फ पंजीकृत टैक्सी वाहन ही अनुबंध पर लिए जा सकेंगे, निजी वाहन नहीं।
स्टेशनरी खर्च में किफायत
स्टेशनरी खर्च और बैठकों में भाग लेने के लिए यात्रा खर्च बचाने के मकसद से ई-मेल, वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसे संचार साधनों पर जोर दिया गया है।
इन खर्चों में मितव्ययता बरतने का निर्देश
-यात्रा व्यय (विदेश यात्राओं सहित)
-मुद्रण व प्रकाशन
-व्यावसायिक एवं विशेष सेवाएं
-विज्ञापन और प्रसार
-कार्यालय व्यय, लेखन सामग्री, फर्नीचर व उपकरण, साज-सज्जा, आतिथ्य व्यय, व अन्य प्रशासनिक व्यय