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गंगा किनारे बाग लगा किसानों की आय बढ़ाएगी योगी सरकार, प्रति माह रुपये मिलेंगे और जमीन भी होगी आवंटित

यूपी में किसानों की आय की बढ़ाने के साथ गंगा किनारे की मिट्टी का क्षरण रोकने और पर्यावरण बेहतर बनाने का प्रयास जारी है। 11 मंडलों के 27 जिलों में गंगा नर्सरी योजना शुरू हो गई है। औद्यानिक विकास योजना के तहत 3000 हेक्टेयर में बाग लगाया जा रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:19 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:25 PM (IST)
गंगा किनारे बाग लगा किसानों की आय बढ़ाएगी योगी सरकार, प्रति माह रुपये मिलेंगे और जमीन भी होगी आवंटित
गंगा किनारे बाग लगा किसानों की आय बढ़ाएगी योगी सरकार।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। 'आम के आम, गुठलियों के दाम' कहावत सुनी ही होगी, उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग इसी को साकार कर रहा है। प्रदेश में किसानों की आय की बढ़ाने के साथ गंगा किनारे की मिट्टी का क्षरण रोकने और पर्यावरण बेहतर बनाने का प्रयास जारी है। इसी क्रम में 11 मंडलों के 27 जिलों में गंगा नर्सरी योजना शुरू हो गई है। औद्यानिक विकास योजना के तहत 3000 हेक्टेयर में बाग लगाया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे के क्षेत्रों में नमामि गंगे औद्यानिक विकास योजना शुरू हो गई है, इसमें क्षेत्र के किसानों और बागवानों को उद्यान लगाने या औद्यानिक खेती करने के लिए आगामी तीन साल तक हर माह 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उद्यान विभाग इसके लिए 27 जिलों को बाग लगाने के लिए क्षेत्रफल का आवंटन कर चुका है। उद्यान निदेशक आरके तोमर ने बताया कि गंगा किनारे के सभी 27 जिलों में कुल तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लागू किया गया है, जिसके तहत नए उद्यान या बागान लगाए जाएंगे।

गंगा के तटवर्ती जिलों में करीब 78 गांवों में गंगा नर्सरियां भी विकसित की जाएंगी। जहां प्रदेश के अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार फलदार व शोभाकार के अलावा छायादार वृक्षों के पौधे तैयार किए जाएंगे, ये ऐसे किस्मों के पौधे होंगे जो पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाते हैं। फलों में आम, अमरूद, आंवला, बेर, बेल, अनार, शरीफा व कागजी नींबू के उद्यान लगाए जा रहे हैं। तोमर ने बताया कि इसमें छोटे व मध्यम किसानों को ही मौका दिए जाने के निर्देश दिए हैं, ताकि उन्हें लाभ मिले।

उद्यान निदेशक आरके तोमर ने बताया कि अलीगढ़ को 25, मुजफ्फरनगर व चंदौली को 50-50 और कासगंज को 75 हेक्टेयर का आवंटन किया गया है। बाकी जिलों को 100 से 150 हेक्टेयर का आवंटन किया गया है। स्थापित होने वाली 'गंगा नर्सरी' के लिए 50 फीसद तक अनुदान का प्रावधान किया गया है। 15 लाख रुपये में स्थापित होने वाली गंगा नर्सरी के लिए 7.50 लाख रुपये किसान या बागवान को सब्सिडी के रूप में प्राप्त होगा।


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