UP विधानसभा चुनाव में भाजपा के 'लाभार्थी वोटबैंक' की नहीं काट, योजनाओं का लाभ दे लोगों से सीधी जुड़ी सरकार
यूपी की सत्ताधारी भाजपा ने ऐसा नया वोटबैंक तैयार किया है जिसे वह विधानसभा चुनाव में अपनी सबसे बड़ी ताकत मान रही है। अब जब पार्टी चुनाव मैदान में उतरने जा रही है तो उसके पास लाभार्थी वोटबैंक के रूप में वह मजबूत अस्त्र है जिसकी काट आसान न होगी।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। विरोधी दलों के जातीय वोटबैंक में गहरी सेंध लगा चुकी उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी भाजपा ने ऐसा नया वोटबैंक तैयार किया है, जिसे वह विधानसभा चुनाव में अपनी सबसे बड़ी ताकत मान रही है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की सरकार की नीति के साथ संगठनात्मक रणनीति भी समानांतर चली। अब जब पार्टी चुनाव मैदान में उतरने जा रही है तो उसके पास 'लाभार्थी वोटबैंक' के रूप में वह मजबूत अस्त्र है, जिसकी काट इतनी आसान न होगी।
भाजपा सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ सीधे 80 लाख प्रदेशवासियों को मिलने का दावा है। इसके साथ ही भाजपा के लाभार्थी वोटबैंक में इतने लोग सीधे तौर पर जुड़ गए। दरअसल, 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से ही मोदी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास का नारा देते हुए गरीबों को केंद्र में रखकर योजनाओं पर काम शुरू किया। 2017 में प्रदेश की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली तो उन्होंने भी इसी नीति को आगे बढ़ाया। केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं पर तेजी से काम कर लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने पर सरकार का पूरा जोर रहा। भाजपा संगठन भी इस मुहिम में जुटा रहा।
बेशक, सरकार ने यह योजनाएं बिना किसी भेदभाव के चलाई हैं, लेकिन इसके राजनीतिक परिणाम साफ नजर आते हैं। इन योजनाओं की पात्रता का आधार जातीय नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिति है। लिहाजा, दलित और पिछड़ों की संख्या लाभार्थियों में सबसे अधिक है। सूबे की सियासत में इन दो वर्गों का खास महत्व है। भाजपा सपा और बसपा के इन जातीय वोटबैंक में पहले ही सेंधमारी कर चुकी है।
अब इस वोट की वापसी के लिए दोनों दल हाथ-पैर मार रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने अपनी योजनाओं के माध्यम से इन्हें सीधे तौर पर जोड़ लिया है। शौचालय, प्रधानमंत्री आवास, सौभाग्य योजना में मुफ्त बिजली कनेक्शन, उज्जवला योजना में गैस कनेक्शन, आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना जैसी तमाम योजनाओं का लाभ सीधे गरीबों को मिला है। ऐसे में विपक्षी दलों के सामने इस मजबूत किले में छेद करना बड़ी चुनौती होगी।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री व एमएलसी गोविंद नारायण शुक्ल कहते हैं कि मोदी-योगी सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होने वालों की उत्तर प्रदेश में ही संख्या तीन करोड़ से अधिक है। केंद्र व राज्य सरकार ने बिना किसी भेदभाव के अपनी अंत्योदय की नीति पर चलते हुए गरीबों के कल्याण की योजनाएं लागू की हैं। सभी वर्गों को लाभ मिला है, इसलिए वह भाजपा के साथ हैं और रहेंगे।