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यूपी के हर गांव में किसान आंदोलन का असर टटोलेगी योगी सरकार, नोडल अधिकारियों को सौंपा जिम्मा

उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की तपिश भांपने के लिए योगी सरकार ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिलों में नोडल अधिकारी बनाकर भेजा है। रविवार को रवाना हुए ये सभी अफसर तीन दिन में यह रिपोर्ट भी तैयार करेंगे कि किस गांव में किसान आंदोलन का क्या असर है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 06:40 AM (IST)
यूपी के हर गांव में किसान आंदोलन का असर टटोलेगी योगी सरकार, नोडल अधिकारियों को सौंपा जिम्मा
कृषि कानूनों पर विपक्षी दल माहौल को जितना गर्माने को प्रयासरत हैं, सरकार उतनी ही सतर्क होती जा रही है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्षी दल माहौल को जितना गर्माने को प्रयासरत हैं, सरकार उतनी ही सतर्क होती जा रही है। किसानों की समस्याओं को जानने-समाधान कराने से लेकर उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की तपिश भांपने के लिए योगी सरकार ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिलों में नोडल अधिकारी बनाकर भेजा है। रविवार को रवाना हुए ये सभी अफसर तीन दिन में यह रिपोर्ट भी तैयार करेंगे कि किस गांव में किसान आंदोलन का क्या असर है।

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कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति परखने के साथ ही सरकार की योजनाओं की जमीनी समीक्षा के लिए गत दिवस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोडल अधिकारी बनाए गए प्रशासनिक अधिकारियों को जिलों में जाने कर निर्देश दिया। इसी तरह गृह विभाग ने भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में जिलों का जिम्मा सौंपकर भेजा है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी कहा है कि रविवार को सभी अधिकारी जिला मुख्यालयों पर पहुंच जाएं। सोमवार सुबह से काम शुरू कर मंगलवार शाम तक लखनऊ आकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। डीआइजी से एडीजी स्तर के इन अधिकारियों से कहा गया है कि डीएम, एसएसपी-एसपी का जिले के किसान संगठनों से संवाद कराएं। उनकी समस्याओं का वहीं समाधान कर गांव-कस्बे में ही रोकने की योजना बनाएं। पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को जिले के प्रमुख किसान नेताओं की सूची तैयार कर उनसे बातचीत करनी होगी।

 

नोडल अधिकारी पुलिस और राजस्व विभाग की टीम भेजकर हर गांव में पता करेंगे कि किसान आंदोलन से किसानों के जुड़ने या न जुड़ने को लेकर क्या संभावना है। आंदोलन के संबंध में पूरी रिपोर्ट तैयार करनी होगी। साथ ही प्रभावशाली किसान नेताओं के गांवों में खुद वरिष्ठ अधिकारी दौरा करेंगे। शासन का जोर इस बात भी है कि किसानों की किसी भी प्रकार की समस्या न बचे। संवाद के लिए संबंधित इंस्पेक्टर और तहसीलदार को उत्तरदायी बनाया गया है, जबकि विकास से जुड़े सभी विभागों की टीम भी किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए भेजने का निर्देश दिया गया है।


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