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मकर संक्रांति पर भाजपा का तहरी भोज, एक साथ लगी योगी सरकार के मंत्रियों की थाली Lucknow News

लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तहरी भोज के साथ मकर संक्रांति पर्व मनाया।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 03:44 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 03:44 PM (IST)
मकर संक्रांति पर भाजपा का तहरी भोज, एक साथ लगी योगी सरकार के मंत्रियों की थाली Lucknow News
मकर संक्रांति पर भाजपा का तहरी भोज, एक साथ लगी योगी सरकार के मंत्रियों की थाली Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश की राजधानी में एक तरफ जहां मकर संक्रांति पर उल्‍लास का माहोल हैं। वहीं, निराला नगर के मनोरम लॉन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तहरी भोज के साथ इस दिन को मनाया। इस दौरान योगी सरकार के मंत्रियों का मजाम दिखाई दिया। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री बृजेश पाठक, मंत्री स्वाति सिंह, विधायक सुरेश तिवारी ने एक साथ बैठकर तहरी का आनंद लिया। तहरी के साथ ही कई व्‍यंजन भी परोसे गए। 

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इस दौरान उपमुख्‍यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई के समय में भाजपा ने खिचड़ी भोग शुरु किया था। यह भोज लोगों को आपस में जोड़ने का काम करता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने खिचड़ी की सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी और संगठन के कार्यों में सक्रिय रहने का संदेश दिया। 

ट्वीट कर जाहिर की खुशी

वहीं, योगी सरकार के मंत्री बृजेश पाठक ने कार्यक्रम से संबंधित फोटो साझा कर खुशी जताई। 

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने के पीछे है ये कथा 

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब खिलजी ने आक्रमण किया तो लगातार संघर्षरत रहने के चलते नाथ योगी भोजन तक नहीं कर पाते थे। वह अपनी भूमि को बचाने के लिए संघर्ष करते रहते थे और अक्‍सर ही भूखे रह जाते थे। इसपर बाबा गोरखनाथ ने इस समस्‍या का हल निकालने की सोची। लेकिन यह भी ध्‍यान रखना था कि ज्‍यादा समय भी न लगे। तब बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्‍जी को एक साथ‍ पकाने की सलाह दी। काफी कम समय में स्‍वादिष्‍ट और त्‍वरित ऊर्जा देने वाला व्‍यंजन तैयार हुआ। कहा जाता है कि बाबा ने ही इस व्‍यंजन को खिचड़ी का नाम दिया।

क्‍या है मकर संक्रांति की मान्यता 

बता दें, सूर्य देव के पूजन, स्नान और दान का पुण्य पर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को होगा। 14 को रात्रि 2:22 बजे सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्योदय से इसका मान शुरू हो जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से पाप का नाश होता है। लकड़ी, तिल, अन्न, दाल, चावल, पापड़, गुड़, घी नमक और कंबल का दान करने से विशेष पुण्य मिलता है। राशि के अनुसार दान से विशेष पुण्य मिलेगा।


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