योगी सरकार का भ्रष्टाचार पर वार : चकबंदी के चार व वाणिज्य कर के दो अफसरों के खिलाफ कार्रवाई
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी के चार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी के चार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है। इनमें से एक अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं उन्होंने वाणिज्य कर विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट करके यह जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी मुख्यालय लखनऊ में संयुक्त संचालक चकबंदी के पद पर तैनाती के दौरान अनेक अनियमितताओं के दोषी पाये गए रविंद्र दुबे की पेंशन से 10 प्रतिशत की कटौती स्थायी रूप से करने का निर्देश दिया है। दुबे सरकारी सेवा से रिटायर हो चुके हैं। इसके अलावा फर्रुखाबाद में तैनात डॉ.राजेश त्रिपाठी को चित्रकूट में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी रहते उनके कामकाज में शिकायतों के आधार पर एक वाॢषक वेतन वृद्धि तीन साल तक रोकने के साथ उन्हेंं परिनिंदा प्रविष्टि देने का निर्देश दिया गया।
इसी तरह सीतापुर में तैनात संतोष कुमार को मैनपुरी में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के पद पर तैनाती के दौरान विविध अनियमितताओं का दोषी पाये जाने पर उनकी तीन वेतन वृद्धि को स्थायी रूप से रोकने और उन्हेंं परिनिंदा प्रविष्टि का निर्देश दिया है। बलिया में तैनात संजय श्रीवास्तव को कुशीनगर में उप संचालक चकबंदी के पद पर रहते हुए शासकीय कार्य के प्रति लापरवाही पर परिनिंदा प्रविष्टि का दंड मिला।
वर्ष 2004 में आगरा में हुई करोड़ों रुपये की वाणिज्य कर की चोरी के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन शिफ्ट प्रभारीगण/असिस्टेंट कमिश्नर व्यापार, आगरा के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। दोषी अधिकारी संजीव कुमार सिन्हा वर्तमान में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 (अपील) वाणिज्य कर सोनभद्र तथा शंभू शरण गोयल, संयुक्त आयुक्त कार्यपालक वाणिज्य कर संभाग, मुजफ्फरनगर के पद पर सेवारत हैं।