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रायबरेली नरसंहार पर आदित्यनाथ के दो मंत्री आमने-सामने

ब्रजेश पाठक ने स्वामी प्रसाद मौर्या को ऊंचाहर में पांच लोगों की हत्या के मामले में हत्यारों का 'संरक्षक' बताया है। ऊंचाहार में लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 09 Jul 2017 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jul 2017 06:03 PM (IST)
रायबरेली नरसंहार पर आदित्यनाथ के दो मंत्री आमने-सामने
रायबरेली नरसंहार पर आदित्यनाथ के दो मंत्री आमने-सामने

लखनऊ (जेएनएन)। रायबरेली के ऊंचाहार में पांच लोगों की हत्या के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार के दो मंत्री ही आमने-सामने आ गए हैं। यह दोनों विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। 

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योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ ब्रजेश पाठक ने मोर्चा खोल दिया है। ब्रजेश पाठक ने स्वामी प्रसाद मौर्या को ऊंचाहर में पांच लोगों की हत्या के मामले में हत्यारों का 'संरक्षक' बताया है। ऊंचाहार में जमीन पर कब्जे के विवाद में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। दो लोगों को गाड़ी में जिन्दा जला दिया गया था।

इस हत्याकांड के कई दिनों बाद योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद ने जो कुछ कहा है वो हैरान करने वाला है। अब स्वामी प्रसाद के बयानों की कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।

कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वामी प्रसाद के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने स्वामी प्रसाद पर सीधा निशाना साधा है। पाठक ने कहा कि अपराधी को संरक्षण देने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। नरसंहार के आरोपियों को संरक्षण देना गलत है। पाठक ने स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि स्वामी के बयान को पुलिस संज्ञान में ले। उन्होंने कहा कि नरसंहार के आरोपियों को संरक्षण देना गलत है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि पहुंच वाले अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।

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ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह सर्वविदित है कि मृतकों को समझौते के लिए बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि रायबरेली में नरसंहार हुआ है। रायबरेली नरसंहार के आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी। अपराधियों को संरक्षण देंगे वालों पर भी एक्शन लिया जायेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार पीडि़त परिवार के साथ सरकार खड़ी है।

स्वामी प्रसाद का दावा झूठा निकला

इस पूरे प्रकरण पर अब स्वामी प्रसाद मौर्या घिरते नजर आ रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या के आरोप बेबुनियाद साबित हो रहे हैं। अभी तक की जांच में मारे गए पांचों लोगों का अपराधिक इतिहास नहीं पाया गया है। मारे गए लोगों की कोई हिस्ट्रीशीट नहीं है। कौशाम्बी और प्रतापगढ़ पुलिस की रिपोर्ट कम से कम यही दर्शाती है।

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स्वामी प्रसाद का बयान 

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कुशीनगर में रायबरेली नरसंहार पर बयान दिया था। उन्होंने कहा कि जो मारे गए वो किराये के गुंडे थे। उनपर अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं। ग्रामीणों ने जिनको पीट-पीटकर या जलाकर मार डाला, वो गुंडे थे। सभी के सभी किराये के गुंडे थे जो प्रतापगढ़ और फतेहपुर से आये थे।

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मौर्या ने इनको गंभीर अपराधों में वांछित बताया। उन्होंने कहा कि मारे गए गुंडों को शहीद बताया जा रहा है। इसको लेकर सपा और कांग्रेस राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों की हत्या नहीं हुई अपराधियों की हत्या हुई।

लखनऊ में स्वामी प्रसाद के खिलाफ प्रदर्शन 

रायबरेली में पांच लोगों की हत्या के विरोध में आज लखनऊ में सैकड़ों ब्राह्मणों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे ब्राह्मण संघ के सदस्य सड़कों लेट गए। विधान सभा का घेराव करने जा रही भीड़ को जीपीओ के सामने पुलिस ने रोक लिया। ब्राह्मण संघ की मांग है कि स्वामी प्रसाद मौर्या को मंत्री पद से को हटाया जाये। उन्होंने कहा कि अगले 8 दिनों में अगर कार्रवाई नहीं की गई तो ये आंदोलन प्रदेश स्तर पर किया जायेगा।

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ब्राह्मण समाज ने पांचों पीडि़त परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी देने के साथ पांचों परिवारों को 50-50 लाख रुपए की की आर्थिक सहायता देने की मांग करने के साथ जघन्य हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की। 


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