योगी आदित्यनाथ सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लेकर बेहद सख्त, गन्ने की खोई और धान के पुआल से बने ग्लास व प्लेट हैं विकल्प
पर्यावरण को बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों पर सरकार फोकस कर रही है लेकिन बाजार में प्लास्टिक के विकल्प अभी 20 से 50 प्रतिशत तक महंगे हैं। सरकार का अनुमान हैं कि प्रतिस्पर्धा बढ़ने दाम तेजी से घटेंगे इसके साथ ही विविध उत्पाद भी उपलब्ध होंगे।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद से ही पर्यावरण संरक्षण पर फोकस कर रहे हैं। प्रदेश को हरा भरा रखने के लिए आज से ही 35 करोड़ पौधे रोपने की कवायद शुरु कर गई है। ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लेकर मुख्यमंत्री योगी बेहद गंभीर हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने के बाद लोगों को सहूलियत देने के लिए विकल्प भी मुहैया कराएं हैं। गन्ने की खोई, धान का पुआल, भूसा, मक्के का दाना और बांस आदि से ग्लास, थाली, स्ट्रा सहित अन्य उत्पाद बनाए गए हैं। ये उत्पाद अभी प्लास्टिक की अपेक्षा 20 से 50 प्रतिशत तक महंगे हैं, लेकिन जैसे-जैसे इनका उपयोग और उत्पादकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी इनकी कीमतें घटेंगी।
‘उत्तर प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कांक्लेव-2022’ में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की नवीन तकनीकों व प्लास्टिक के विकल्प उत्पादाें की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। सिंगल यूज प्लास्टिक के विभिन्न विकल्पों पर अनेक स्टार्ट-अप की ओर से प्रस्तुतीकरण भी किया गया। एक स्टाल पर हैंडवाश, डिटर्जेंट आदि रिफिल करने के लिए सेवा रिफिलेबिल की ओर से मुहैया कराई जा रही है, यह कालोनियों में जाकर लोगों को घरों में बाटल में इसे उपलब्ध कराता है, इससे लोगों को बार-बार प्लास्टिक बाटल आदि उपयोग करके फेंकना नहीं पड़ेगा।
इसी तरह से धान के पुआल से बने ग्लास भी बाजार में आ रहे हैं। इसी तरह से इको वेयर सेल्यूशन, इकोलास्टिक, बायोक्राफ्ट इनोवेशन आदि प्लास्टिक के स्ट्रा की जगह पेपर स्ट्रा। इसी तरह बांस से बनी ईयर बड्स स्टिक, बांस से बनी आइसक्रीम स्टिक, कागज और कपड़े से बने झंडे, परंपरागत मिट्टी के बर्तन आदि का इस्तेमाल सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह ले सकता है के संबंध में विस्तार से बताया गया।
बता दें कि प्रदेश सरकार तीन जुलाई यानी आज अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस के मौके पर यूपी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कानक्लेव का आयोजन किया था। इस कानक्लेव का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली पर चर्चा करना और प्लास्टिक के विकल्पों की खोज करना था। कानक्लेव में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था।
इनमें उन प्रमुख उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया था जो प्लास्टिक के विकल्प के रूप में सामने आए। प्रदेश सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ 29 जून से तीन जुलाई तक जन-जागरूकता महाभियान रेस आयोजित कर रही है। रेस यानी रिडक्शन, अवेयरनेस, सर्कुलर (साल्यूशन) एंड (मास) इंगेजमेंट।