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सीएम योगी आदित्यनाथ के बजट में रहेगा युवाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

योगी आदित्यनाथ सरकार कल उत्तर प्रदेश विधान मंडल के बजट सत्र में अपना पूर्ण बजट पेश करेगी। इस बार बजट में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास का रोडमैप साफ दिख सकता है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 15 Feb 2018 03:02 PM (IST)Updated: Thu, 15 Feb 2018 04:03 PM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ के बजट में रहेगा युवाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
सीएम योगी आदित्यनाथ के बजट में रहेगा युवाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कल विधानसभा में अपना पूर्ण बजट पेश करेगी। माना जा रहा है कि सरकार का इस बार फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ युवाओं पर रहेगा। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने अपनी तैयारी कर ली है। इससे पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना पहला बजट जुलाई में पेश किया था, जिसमें किसानों पर फोकस था।

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योगी आदित्यनाथ सरकार कल उत्तर प्रदेश विधान मंडल के बजट सत्र में अपना पूर्ण बजट पेश करेगी। इस बार बजट में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास का रोडमैप साफ दिख सकता है। इसके साथ ही सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर युवा तथा इंफ्रास्ट्रक्चर पर मेहरबान हो सकती है।

उत्तर प्रदेश में अभी तक आम बजट का इतिहास विकास के इर्दगिर्द ही घूमता नजर आया है। प्रदेश के विकास के विभिन्न आयामों में वितरण कई बार संतुलित रहा तो कई बार सत्ताधारी दल के प्रभाव वाले इलाकों को ज्यादा तवज्जो दी गई। प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज होने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार कल पहली बार अपना पूर्ण बजट पेश करेगी। ऐसे में समग्र विकास और विकास में क्षेत्रवार संतुलन बेहद आवश्यक है।

उम्मीद है इस बार योगी आदित्यनाथ सरकार के बजट में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए योजनाओं की लंबी फेहरिस्त होगी। वहीं युवाओं को नौकरी पर भी फोकस होगा। योगी आदित्यनाथ सरकार को सत्ता में आए करीब एक वर्ष होने जा रहा है। इस सरकार के सामने कानून व्यवस्था, सांस्कृतिक विकास के अलावा आधारभूत ढांचे के विकास को और रफ्तार देना भी बड़ी चुनौती है।

योगी आदित्यनाथ सरकार पर 3.84 लाख करोड़ के प्रस्तवित बजट में बजट को खर्च न करने का भी आरोप लगा है। यह सत्या भी है, क्योंकि सरकार नई थी कामकाज के अनुभव और नई टीम के सृजन में काफी समय लगा। इसके साथ बजट का बड़ा हिस्सा भी संकल्प पत्र के फैसलों को हक़ीक़त में तब्दील करने में लग गया। अब चुनावी साल है और पांच वर्ष की मोदी सरकार को जनता का अभिमत भी हासिल करना है। पुरानी सफलता दोहराने के लिए भाजपा नेतृत्व पर बजट को लेकर बेहद दबाव है।

वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि हम सभी योजनाओं को समयबद्ध पूरा करना चाहते हैं। हम सभी योजनाओं को बजट दे रहे हैं, लेकिन काम समय से पूरा नहीं हुआ और इस नाते लागत बढ़ी तो जबाबदेही अफसर की होगी और उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।

माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों का विशेष ध्यान रखा है। सरकार के सामने मायावती सरकार के समय का यमुना एक्सप्रेस वे, एनसीआर की मेट्रो परियोजना, लखनऊ, नोएडा जैसे शहरों में ढांचागत विकास तो अखिलेश सरकार के दौर का आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, लखनऊ मेट्रो, बिजली ढांचे में फीडर सेपरेशन का काम एक चुनौती की तरह है। योगी आदित्यनाथ सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले बताना होगा कि उनकी सरकार ने अब तक क्या महत्वपूर्ण कार्य किया है।

युवा वर्ष घोषित कर सकती है सरकार

युवाओं को लुभाने के लिए सरकार 2018-19 को युवा वर्ष घोषित कर सकती है। योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे बजट में युवाओं को रोजगार देने पर खास फोकस होगा।

पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास का रोडमैप

योगी आदित्यनाथ सरकार के इस बार बजट में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास का रोडमैप साफ दिखाई दे सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी, सीएम योगी के गृह क्षेत्र गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव मौर्य के प्रभाव वाले इलाकों इलाहाबाद के लिए विकास योजनाओं तोहफा होगा। इसके साथ ही साथ बुंदेलखंड में जल संकट दूर करने के बजट में प्रावधान होगा। सरयू, अर्जुन सागर और बाण सागर परियोजनाओं को पूरा करने पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होगा। सम्पूर्ण प्रदेश में सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त कराने को लेकर अभियान जारी रहेगा।

बिजली परियोजनाओं को गति

घर-घर बिजली पहुचाने के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करेगी। मोदी सरकार के विद्युत ढांचे को हर व्यक्ति तक पहुंचाने की योजना को भी साकार रूप दिया जाना है। ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन को ठीक करने पर भी सरकार बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करने जा रही है।

तीर्थ स्थलों के विकास- आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर फोकस

काशी, मथुरा और अयोध्या के साथ-साथ प्रदेश के अन्य तीर्थ स्थलों को हवाई और सड़क मार्ग से जोडऩे के साथ बिजली और पानी के इंतजाम पर भी बजट में प्रावधान होगा। अब प्रदेश के चित्रकूट, श्रावस्ती, कुशीनगर, गोरखपुर, बरेली और झांसी जिलों के धार्मिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से बजट में कई नई योजनाओं के माध्यम से मानचित्र पर उभारने की कल्पना है।

ग्रामीण सड़कों का जाल

जिलों को जिला मुख्यालयों से जोडऩे, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से गांवों की सड़कों को बेहतर करने, पुलों, ओआरबी के अधूरे निर्माणों को पूरा करने पर भी बजट का जोर होगा। 


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