योगी आदित्यनाथ सरकार की अच्छी पहल, अब पोर्टल से शिक्षकों का आनलाइन बनेगा वेतन, छह लाख शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मियों को मिलेगा लाभ
योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक अच्छी पहल करते हुए वेतन बनने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आनलाइन कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसका पे-रोल माड्यूल तैयार कर लिया है। इसे सभी ब्लाकों में लागू किया जा रहा है। स्कूल से हाजरी सीधे पोर्टल पर भेजी जाएगा।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भर्तियों से लेकर वेतन बनने तक की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में प्रयासरत हैं। जिसके तहत अब बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेतर कार्मिकों का वेतन अब आनलाइन बनेगा।
पारदर्शिता के तहत विभाग ने मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति भेजने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षक विद्यालयों से सीधे हाजिरी पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। इसमें कागज पर वेतन बनाने और पत्राचार करने की जरूरत नहीं होगी। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब छह लाख शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक कार्यरत हैं इसके अलावा शिक्षणेतर कर्मचारी अनुचर आदि तैनात हैं।
पहले सभी विद्यालयों से शिक्षक व अन्य की हाजिरी पावना नामक पत्रक के माध्यम से विकासखंड मुख्यालय पर भेजी जाती रही है, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय वेतन भुगतान के लिए पत्रक तैयार करता था, वहां से वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय को पावना पत्रक भेजा जाता रहा। इसमें शिक्षकों का बेसिक वेतन नहीं बढ़ा, इनकम टैक्स ज्यादा काट लिया गया या छुट्टियों का आंकलन सही से नहीं हुआ आदि शिकायतें होती रही हैं।
शिक्षकों की शिकायतों का संज्ञान लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने मानव संपदा पोर्टल पर ही पे-रोल माड्यूल तैयार किया है। समग्र शिक्षा के अपर निदेशक राेहित त्रिपाठी ने बताया कि इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक या शिक्षक पोर्टल पर शिक्षकों की उपस्थिति अपलोड कर देंगे। खंड शिक्षा अधिकारी को भी लागइन दी गई है। वे उसे देखेंगे और यदि छुट्टियां व अन्य कोई कार्रवाई है तो उसका उल्लेख करके फारवर्ड कर देंगे।
इसके बाद वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय प्रतिमाह वेतन तैयार कर देगा। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में कागज का उपयोग नहीं होगा, वहीं फर्जी पैन नंबर, बैंक खाते संख्या की गड़बड़ी आदि नहीं हो सकेंगी, क्योंकि शिक्षकों का सारा विवरण विभाग के पास पहले से उपलब्ध है। इस माड्यूल का परीक्षण विभिन्न विकासखंडों में किया जा रहा है। इसे जल्द ही और बेहतर करके सभी विकासखंडों में लागू करेंगे।