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सरकार की बरसी कृपा, शिवपाल सिंह यादव को दिया बड़ा बंगला

योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ में बसपा मुखिया मायावती के पूर्व कार्यालय 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग के बंगला को शिवपाल सिंह यादव को आवंटित कर दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 01:56 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 09:11 AM (IST)
सरकार की बरसी कृपा, शिवपाल सिंह यादव  को दिया बड़ा बंगला
सरकार की बरसी कृपा, शिवपाल सिंह यादव को दिया बड़ा बंगला

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल सिंह यादव पर बड़ी मेहरबान है। शिवपाल सिंह यादव के आइएएस अफसर दामाद को यूपी कॉडर में बरकरार रखने के बाद प्रदेश सरकार ने अब शिवपाल सिंह यादव को वह बंगला आवंटित किया है, जिसमें बसपा का कार्यालय था। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती का सरकारी बंगला समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल यादव को अलॉट कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने बंगले में जाकर उसका निरीक्षण किया।

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योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ में बसपा मुखिया मायावती के पूर्व कार्यालय 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग के बंगला को शिवपाल सिंह यादव को आवंटित कर दिया है। समाजवादी पार्टी के बगावत करने के बाद नया दल बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव पर योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद मेहरबान है। राज्य संपत्ति विभाग ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को नया बंगला आवंटित किया है, उसमें कभी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया का दफ्तर था। राज्य संपत्ति विभाग के इस फैसले को कुछ लोग सियासी समीकरण से भी जोड़कर देख रहे हैं।

समाजवादी पार्टी से बगावत कर समाजवादी सेकुलर मोर्चा का गठन करने वाले शिवपाल यादव पर योगी सरकार कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रही है। राज्य संपत्ति विभाग ने शिवपाल यादव को नया बंगला आवंटित किया है। इस बंगले में कभी बसपा अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का आफिस हुआ करता था।शिवपाल पर प्रशासन की इस मेहरबानी से कई कयास लगाए जाने लगे हैं। शिवपाल को बंगला बतौर विधायक दिया गया है। बंगले का आवंटन होने के बाद शिवपाल तत्काल बंगले में गए और वहां का निरीक्षण किया। अब इस बंगले में शिवपाल अपनी पार्टी का आफिस बना सकते हैं। शिवपाल पर सरकार की मेहरबानी के पीछ माना जा रहा है कि अखिलेश के खिलाफ शिवपाल को आगे बढ़ाकर बीजेपी यूपी में 2019 की सियासी जंग फतह करना चाहती है। 

यूपी सरकार ने शिवपाल सिंह यादव को वह बंगला आवंटित किया है, जो कुछ समय पहले तक बसपा मुखिया के पास था। मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने पार्टी के इस कार्यालय में काफी पैसा लगाया था। उस समय छह, लालबहादुर शास्त्री मार्ग का बंगला काफी चर्चा में रहा था।राजनीतिक गलियारों में काफी समय से यह कहा जा रहा था कि शिवपाल सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर राजनीति कर रहे हैं और समाजवादी पार्टी से बगावत कर रखी है। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाए जाने को लेकर भी तमाम तरह के सवाल उठे कि यह सेक्युलर मोर्चा कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाएगा।

राज्य संपत्ति विभाग ने शिवपाल सिंह यादव को 6 एलबीएस (लाल बहादुर शास्त्री) बंगला आवंटित किया है। यह बंगला उन्हें बतौर विधायक आवंटित किया गया है। बंगले का आवंटन होने के बाद शिवपाल तत्काल बंगले में गए और वहां का निरीक्षण किया। इस बंगले में इससे पहले मायावती का कार्यालय हुआ करता था। बताया जा रहा है कि अब इस बंगले में शिवपाल सिंह यादव अपनी पार्टी का दफ्तर बनाएंगे। समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद शिवपाल सिंह ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बना लिया है और उसी का विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने मुलायम को भी मोर्चा के बैनर तले चुनाव लडऩे को कहा है। अगस्त की शुरुआत में शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने दामाद को लेकर मुलाकात भी की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि वो इटावा में बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री से मिले थे।

शिवपाल के बंगला में 12 बेडरूम

राजनीतिक सरगर्मी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बगावत करने वाले उनके चाचा शिवपाल यादव को योगी आदित्यनाथ सरकार ने वही बंगला आवंटित किया है जो पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पास था। बंगले में 12 बेडरूम, 12 ड्रेसिंग रूम, दो बड़े हॉल, चार बड़े बरामदे, दो किचन और स्टाफ क्वर्टर हैं। बंगले में आठ एसी प्लांट और 500 किलोवॉट के साउंड प्रूफ जनरेटर लगे हैं। ऐसा बंगला तो योगी आदित्यनाथ सरकार के किसी भी मंत्री को भी नहीं नसीब हुआ है। 

शिवपाल सिंह यादव ने इस बंगला का निरीक्षण करने के बाद कहा कि वह बहुत सीनियर विधायक हैं और उन्हें एक बड़े बंगले की जरूरत थी। इसी कारण सरकार ने उन्हें ऐसा बंगला दिया है। उनका यह भी दावा है कि वह हमेशा से भाजपा के खिलाफ रहे हैं और उनकी भाजपा के साथ किसी तरह की सांठगांठ नहीं है।

मायावती को 2011 में आवंटित हुए इस एलबीएस-6 सरकारी बंगले को लेकर विवाद हुआ था। यह बात सामने आई थी कि यह बंगला नंबर-6 का आवंटन उन्हें कथित फर्जी आदेश के जरिए किया गया था। बसपा अध्यक्ष को एक साथ दो बंगले आवंटित होने पर भी सवाल उठे थे। 


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