UP Cabinet Decision: योगी कैबिनेट ने दी रानीपुर टाइगर रिजर्व को स्वीकृति, 530 वर्ग किलोमीटर में होगा विकसित
Ranipur Tiger Reserve योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने दी रानीपुर टाइगर रिजर्व के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। रानीपुर टाइगर रिजर्व को सरकार स्वीकृति 530 वर्ग किलोमीटर में विकसित करेगी। इससे इको पर्यटन को बढ़ावा के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Ranipur Tiger Reserve चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार बुंदेलखंड का पहला व प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। करीब 530 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में रानीपुर टाइगर रिजर्व विकसित किया जाएगा।
बुंदेलखंड क्षेत्र में इको पर्यटन (Eco Tourism) को मिलेगा बढ़ावा
- केन-बेतवा लिंक परियोजना के फलस्वरूप मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव होने के कारण यहां के बाघ चित्रकूट की ओर आएंगे। इसलिए सरकार यहां टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) बनाने जा रही है।
- वर्तमान में प्रदेश में तीन टाइगर रिजर्व हैं। इनमें दुधवा टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व व पीलीभीत टाइगर रिजर्व शामिल हैं। रानीपुर वन्यजीव विहार करीब 230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में है।
- इसके अलावा करीब 300 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल इसमें और जोड़ा जा रहा है। कैबिनेट ने रानीपुर टाइगर रिजर्व को हरी झंडी देने के साथ ही रानीपुर बाघ संरक्षण फाउंडेशन की स्थापना व आवश्यक पदों के सृजन को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- रानीपुर टाइगर रिजर्व (Ranipur Tiger Reserve) अधिसूचित होने के बाद यह भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा हो जाएगा।
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार कुछ मदों में 60 प्रतिशत व राज्य सरकार 40 प्रतिशत धनराशि देगी, जबकि अन्य मदों में केंद्र व राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत धनराशि प्रदान करेंगी।
- इस टाइगर रिजर्व के बनने से डूब क्षेत्र में आने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघ यहां आ जाएंगे। इनका पुनर्वास सुरक्षित रूप में हो सकेगा।
- इससे प्रदेश में बाघों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इसे बुंदेलखंड क्षेत्र में इको पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- क्षेत्र का आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास होगा साथ ही प्राकृतिक वातावरण को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखा जा सकेगा। टाइगर रिजर्व से बुंदेलखंड में स्थानीय जनता को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
प्रदेश में करीब 200 बाघ होने का अनुमान
प्रदेश में बाघों (Tiger) की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रत्येक चार वर्ष में इनकी गिनती होती है। वर्ष 2014 में कुल 117 बाघ थे जबकि 2018 में यह बढ़कर 173 हो गए। वर्तमान में इनकी संख्या 200 के करीब होने की संभावना है। इस वर्ष बाघों की नई गणना के परिणाम आ जाएंगे।