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Ayodhya में नदियों के घाट पर रोजाना होंगे योग सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम, गायक अनूप जलोटा करेंगे शुभारंभ

अब रामनगरी की पावन भूमि पर रोजाना योग सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ पूजन-अनुष्ठान के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसकी शुरुआत छह अक्टूबर को सुप्रसिद्ध गायक अनूप जलोटा करेंगे। नदियों के पूजन-अर्चन संग विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी संयोजित की जाएंगी। साथ ही संगीत का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2022 08:53 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 08:53 AM (IST)
Ayodhya में नदियों के घाट पर रोजाना होंगे योग सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम, गायक अनूप जलोटा करेंगे शुभारंभ
नदियों के घाट पर रोजाना होगा योग सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम।

अयोध्या, [रघुवरशरण]। नदियों के घाट अध्यात्म की आभा से रोजाना आलोकित होंगे। इस क्रम में नदियों के घाट पर योग के सत्र, सांस्कृतिक आयोजन और पूजन-अनुष्ठान के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह परियोजना अनेक शीर्ष संस्कृति कर्मियों से संरक्षित-सेवित संगठन ओंकारम की ओर से प्रस्तावित है। इसकी शुरुआत रामनगरी में ही सरयू के गुप्तारघाट तट से छह अक्टूबर को होगी।

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इस मौके पर सुप्रसिद्ध गायक अनूप जलोटा मौजूद रहेंगे। उनकी मौजूदगी अतिथि के तौर पर न होकर इस अभियान के प्रेरक-संरक्षक के तौर पर होगी। ओंकारम वस्तुत: देश के शीर्ष संस्कृति कर्मियों एवं शास्त्रीय संगीतज्ञों का समूह है, जो सांस्कृतिक गौरव बोध के साथ इस अभियान को गति देने में लगा है।

इस समूह में मशहूर गायक सोनू निगम सहित संगीत के क्षितिज पर शर्मा बंधु के नाम से विख्यात उज्जैन के राजीव, मुकेश, अखिलेश और मिथिलेश शर्मा, मुंबई की स्वर्णिमा गुसाईं जैसे कई सितारे शामिल हैं। अभियान के आरंभ की भावभूमि तैयार करने गुरुवार को रामनगरी पहुंचे संगीतज्ञ नबरुन चटर्जी ओंकारम का उद्देश्य स्पष्ट करने के लिए संगठन के स्टेटस की ओर इशारा करते हुए दोहराते हैं, हमारी संस्कृति-हमारा गौरव।

वह कहते हैं कि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते संक्रमण के बीच हमारी मूल संस्कृति एवं संस्कार संकट में हैं। उदाहरण के तौर पर शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां ही हैं, जिसमें प्राय: श्रोताओं का संकट दृष्टिगत होता है। ऐसे में ओंकारम के संयोजन में सज्जित होने वाले नदियों के घाट सांस्कृतिक जागरण के परिचायक हैं।

फिलहाल, ऐसे जागरण से अयोध्या सहित गोरखपुर स्थित राप्ती, प्रयागराज स्थित गंगा, लखनऊ स्थित गोमती, कानपुर स्थित गंगा और गढ़ मुक्तेश्वर में भी गंगा के घाट आप्लावित होंगे। इन शहरों में नियत घाटों पर प्रस्तुति के लिए ओंकारम को प्रदेश सरकार की अनुमति भी मिल गई है।

इस अभियान के प्रति गंभीरता का अनुमान ओंकारम की ओर से स्वयंसेवियों की भर्ती से किया जा सकता है। रामनगरी में भी इस अभियान को शास्त्रीय संगीत के स्थानीय प्रतिनिधि माने जाने वाले संजय शांगलू एवं अरविंद मिश्र जैसे गायकों का समर्थन मिल रहा है।

योग से आरंभ होगा नित्य का अनुष्ठान : ओंकारम के संयोजन में नदी के घाटों पर नित्य के सांस्कृतिक अनुष्ठान का आरंभ योग के सत्र से होगा। दोनों समय नदियों के पूजन-अर्चन के साथ विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी संयोजित की जाएंगी। साथ ही संगीत का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। योग्य और समर्पित प्रशिक्षकों के लिए ओंकारम की ओर से मानदेय भी दिया जाएगा। जबकि प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाएगा।


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