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Year Ender 2019: लखनऊ को मिली देश की पहली कारपोरेट ट्रेन, ऐशबाग-सीतापुर तक रेल विद्युतीकरण-पढ़िए इस साल रेलवे की उपलब्धियां

देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस लखनऊ से नई दिल्ली के बीच दौड़ी ऐशबाग से सीतापुर के बीच पहली बार दौड़ी बड़ी लाइन की ट्रेन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 11:23 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 11:23 AM (IST)
Year Ender 2019: लखनऊ को मिली देश की पहली कारपोरेट ट्रेन, ऐशबाग-सीतापुर तक रेल विद्युतीकरण-पढ़िए इस साल रेलवे की उपलब्धियां
Year Ender 2019: लखनऊ को मिली देश की पहली कारपोरेट ट्रेन, ऐशबाग-सीतापुर तक रेल विद्युतीकरण-पढ़िए इस साल रेलवे की उपलब्धियां

लखनऊ, जेएनएन। रेलवे के लिए वर्ष 2019 उपलब्धियों भरा रहा। रेलवे ने कई नई सेवाएं शुरू की। एक तरफ जहां रेलवे का नेटवर्क तेजी से बढ़ा। वहीं दूसरी ओर देश की कारपोरेट सेक्टर की पहली टे्रन तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से नई दिल्ली के बीच दौड़ी। पहली बार ऐशबाग से सीतापुर के बीच बड़ी लाइन की टे्रनों का संचालन शुरू हो सका। इतना ही नहीं अब रेलवे ने इसी साल 10 दिसंबर को ऐशबाग से सीतापुर तक रेल विद्युतीकरण को भी पूरा करने में सफलता हासिल कर ली। माना जा रहा है कि इस रूट पर जल्द ही मेमू सेवाएं भी दौड़ेंगी। उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के साथ पहली बार भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम आइआरसीटीसी भी अपनी उपलब्धियां दर्ज कराने में कामयाब रहा। 

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मुख्य धारा से जुड़ा सीतापुर 

रेलवे ने तीन साल के बाद ऐशबाग-सीतापुर रेलखंड की छोटी लाइन को बड़ी लाइन में तब्दील कर दी। इसी साल नौ जनवरी को पहली बार बड़ी लाइन की ट्रेन सीतापुर से लखनऊ के बीच रवाना हुई। नई लाइन के शुरू होते ही यह सेक्शन मुख्य धारा में शामिल हो गया। अब लखनऊ से सीतापुर होकर दिल्ली का रूट बनाया जाएगा। वहीं सीतापुर से लखीमपुर तक भी बड़ी लाइन बन गई है। जिसका सीआरएस निरीक्षण भी हो गया है। 

देश की पहली कारपोरेट ट्रेन 

पांच अक्टूबर को देश की कारपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन आइआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत लखनऊ जंक्शन से हुई। यह अब तक देश की सबसे आधुनिक ट्रेन मानी जा रही है। जिसमें विमान की तर्ज पर ट्रेन होस्टेस की सुविधा है। पूरी तरह सेंसर युक्त इस ट्रेन में पहली बार लेट होने पर मुआवजा देने का भी प्रावधान किया गया है। 

नए पैदल पुल ने दी राहत 

चारबाग स्टेशन से करीब 300 ट्रेनें गुजरती हैं। यहां अब तक दो ही पैदल पुल थे। ऐसे में एक तिहाई से अधिक का हिस्से में खड़ी बोगियों के लिए यात्रियों को पैदल चलना पड़ता था। रेलवे ने डाक सेवा के सामने से प्लेटफार्म नंबर सात तक नया पैदल पुल बना दिया। इस पुल को लिफ्ट व एस्केलेटर से जोड़ा जा रहा है। 

शुरू हुआ चार लेन प्रोजेक्ट का काम

रेलवे ने मानकनगर और आलमनगर से चारबाग होकर दिलकुशा तक चार लेन नेटवर्क बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। दिलकुशा में पुलिया बनायी गई है। जबकि कटाई वाला पुल को भी शिफ्ट करने के लिए मौके पर निरीक्षण हो गए हैं। 

आसान होगा रास्ता 

रेलवे ने जनेश्वर मिश्र पार्क के पास भागीदारी भवन रोड तक जाने के लिए सीमित ऊंचाई वाले सब-वे का निर्माण तीन दिसंबर से शुरू कर दिया है। सब-वे की जगह पर ब्लॉक रखे जाएंगे। जल्द ही लोगों का चार से पांच किलोमीटर का रास्ता कम हो जाएगा। 

जगमगा उठा स्टेशन का सब-वे

पिछले कई साल से चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म एक से पांच तक जाने के लिए जिस गंदगी भरे सब-वे से होकर यात्री गुजरते थे। वहां अब रोशनी की जगमगाहट के साथ महंगे पत्थर लगा दिए गए हैं। तीन महीने के बाद इस सब-वे को यात्रियों के लिए शुरू कर दिया गया है।  

तैयार हुआ नया ऐशबाग स्टेशन

रेलवे ने इसी साल ऐशबाग को नए स्टेशन के रूप में विकसित कर दिया। दूसरी ओर से भी एंट्री की व्यवस्था की गई। राप्ती सागर एक्सप्रेस और वैशाली सहित कई ट्रेनों को ऐशबाग में ठहराव देकर उनका मानकनगर के रास्ते संचालन शुरू कर दिया गया। इससे ये ट्रेनें अब लखनऊ जंक्शन नहीं आती। भार कम होने से ट्रेनें आउटर पर नहीं रुक रही हैं। 

लखनऊ जंक्शन शिफ्ट हुई लखनऊ मेल

शहर की पहचान देने वाली वीआइपी ट्रेन लखनऊ मेल भी इसी साल लखनऊ जंक्शन पर शिफ्ट कर दी गई। इस ट्रेन के लखनऊ जंक्शन पर शिफ्ट होने से अब यात्री अपनी कार से ही बोगी तक पहुंच सकते हैं। 

फसाड लाइटिंग ने दी पहचान

पिछले दिनों महिला दिवस पर चारबाग स्टेशन पूरी तरह गुलाबी रंग से जगमगा उठा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अब चारबाग स्टेशन पर फसाड लाइट लगा दी गई है। अब थीम के अनुसार स्टेशन की रोशनी बदल जाती है। 

सौ फीट लहराता तिरंगा

देश के ए-1 श्रेणी के चुनिंदा रेलवे स्टेशनों पर रेलवे ने 100 फीट ऊंचा तिरंगा लहराया है। चारबाग स्टेशन पर भी यह तिरंगा दूर दूर से यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 

 

नए कलेवर में ट्रेनें

उत्कृष्ट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ से जाने वाली चंडीगढ़ सुपरफास्ट एक्सप्रेस नए कलेवर में आ गई। इसका रंगरोगन करने के साथ भीतरी सजावट भी की गई। इतना ही नहीं काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस और फिर उसके बाद बेगमपुरा एक्सप्रेस के एसी फस्र्ट बोगी को भी संवारा गया है। 

आग से बचाव के उपाय

रेलवे ने पहली बार लखनऊ की वीआइपी टे्रन लखनऊ मेल, एसी एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस और काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगा दिए हैं। जिससे कोई भी धुआं उठते ही अलार्म बज उठेगा। 


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