Move to Jagran APP

नाजुक कलाइयों ने दिखाई अपने बाजुओं की ताकत, रील नहीं ये है रियल का दंगल

नाग पंचमी के दूसरे दिन आयोजित होता है महिला दंगल। कई बुजुर्ग और युवा महिलाओं ने एक-दूसरे को चटाई धूल।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 04:29 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 04:29 PM (IST)
नाजुक कलाइयों ने दिखाई अपने बाजुओं की ताकत, रील नहीं ये है रियल का दंगल
नाजुक कलाइयों ने दिखाई अपने बाजुओं की ताकत, रील नहीं ये है रियल का दंगल

लखनऊ[राफिया नाज]। तनि आवा त मैदान में, आजा तू भी जरा दिखावा आपन दम.। भीड़ में खड़ी महिलाओं को कुश्ती की प्रधान विनय कुमारी इसी अंदाज दम आजमाने को आमंत्रण दे रही थीं। विनय कुमारी का भी अंदाज कम रोचक नहीं था। उन्होंने कई बुजुर्ग और युवा महिलाओं को धूल चटा दी। अजरुनगंज के अहिमामऊ गाव की महिला कुश्ती में आस-पास के कई गावों की महिलाओं ने हिस्सा लिया।

loksabha election banner

.फिर शुरू होता है दंगल:

70 वर्षीय सुंदारा ढोल बजाते हुए सबको दंगल के लिए बुलाया। इसके बाद मेले के पास एक मैदान में सभी महिलाएं इकठ्ठी हुईं। तीन पीढि़यों से महिला दंगल की परंपरा निभा रहीं विनय कुमारी, रीछ देवी की पूजा करते हुए खप्पर भरती हैं। मैदान में मौजूद बरसों पुराने कुएं की पूजा होती है और दंगल शुरू होता है। नवाबी दौर से शुरू हुई परंपरा:

प्रधान विनय कुमारी ने बताया कि लगभग 200 वर्ष पहले नवाब शाहजहा के दौर में इस परंपरा की शुरुआत हुई थी। उस समय उनकी अजिया सास जनाका बेगम नूरजहा के साथ रहती थी और उनके मनोरंजन के लिए महिला कुश्ती की शुरुआत हुई। इसके बाद उनकी सास बिलास ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। उनके बाद से विनय कुमारी गाव में इस परंपरा को जीवित रख रही हैं। इस कुश्ती को हापा भी कहते हैं।

पुरुषों का प्रवेश है वर्जित:

इस कुश्ती में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होता है। अहमामऊ में हर साल नागपंचमी पर मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला कई दिनों तक चलता है। गाव में चूल्हा-चौका करने वाली महिलाओं का हापा में बिल्कुल अलग ही रंग दिखता है। एक-दूसरे को ललकारना और पूरे जोश के साथ दंगल करना। सच में इनका जोश यहा देखते ही बनता है। सबसे खास बात यह है कि इस दंगल में पुरुषों का आना मना रहता है। महिलाओं को मिले प्रशिक्षण तो बनें बात:

प्रधान का कहना है कि हालाकि यह कुश्ती पारंपरिक है, लेकिन इसके अच्छे भविष्य के लिए सरकार अगर इन महिलाओं को अच्छा प्रशिक्षण दें तो महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं। बड़े मंच पर अपना नाम भी कर सकती हैं। ये रहीं विजेता:

अंडर 20 की कैटेगरी में विजेता प्रियंका कुमारी रहीं, वहीं 40 से ऊपर के वर्ग में विजेता कृष्णा देवी रहीं। इसके अलावा 50 से ऊपर के वर्ग में कुलीखेड़ा की ममता विजेता रहीं। विजेता महिलाओं को साड़िया बाटी गईं। पुरुषों के दंगल में खूब चले के दाव:

अहमामऊ के आजाद पार्क में आयोजित दंगल में पुरुषों के भी कई मुकाबले हुए जिसमें दूर दूर से आए पहलवानों ने खूब दाव पेंच आजमाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.