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Chaitra Navratri: मां के स्कंद माता स्वरूप की आराधना मंदिरों में ज्याेति स्थापना, घरों में सप्तशती का पाठ

मां के जयकारे और भजनों से गुंजयमान वातावरण सप्तशती का पाठ और फिर मां की महाआरती। कुछ ऐसा ही मौहाल शनिवार को शहर के घरों में नजर आया। मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप कर आराधना की गई। घरों में कलश के सामने श्रद्धालुओं ने मांग की आराधना की गई।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 11:12 AM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 11:12 AM (IST)
Chaitra Navratri: मां के स्कंद माता स्वरूप की आराधना मंदिरों में ज्याेति स्थापना, घरों में सप्तशती का पाठ
लखनऊ में चैत्र नवरात्रि पर मां के स्कंद माता स्वरूप की हुई आराधना।

लखनऊ, जेएनएन। मां के जयकारे और भजनों से गुंजयमान वातावरण, सप्तशती का पाठ और फिर मां की महाआरती। कुछ ऐसा ही मौहाल शनिवार को शहर के घरों में नजर आया। मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप कर आराधना की गई। घरों में कलश के सामने श्रद्धालुओं ने विधि विधान से मांग की आराधना की गई। मेंहदीगंज स्थित मां शीतला देवी के मंदिर में सोनी ने आरती और श्रद्धालुओं ने दूर से दर्शन किए। मानस नगर निवासी उदय सिंह ने परिवार के साथ मां की आरती उतारी तो अरिवंद गुप्ता ने पत्नी व बच्चों के साथ पूजा अर्चना की। 

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आचार्य चार्य अनंद दुबे ने बताया कि घर में ही मां का आह्वान करने से सकारात्मक ऊर्जा का समावेश होता है। खुशहाली और समृिद्ध की कामना को लेकर नवरात्र में आप मां के स्वरूपों की पूजा करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां का स्कंदमाता स्वरूप बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। रविवार को मां के छठे कात्यायिनी स्वरूप की पूजा होगी। अष्टमी व्रत और हवन 20 को नवरात्र में पहले और अंतिम दिन व्रत रखने वाले 20 अप्रैल अष्टमी को व्रत रखेंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बतायाकि अष्टमी पूजन के दिन हवन के साथ कुछ साधक कन्या पूजन भी करते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते कन्याओं के नाम पर गरीबों को दान कर सकते हैं। गाय को भोजन करा सकते हैं। ऐसे में आप कोरोना संक्रमण के नियमों का पालन करते हुए कन्या पूजन कर सकते है। गाय में देवी-देवताओं का वास होता है। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि नवरात्र का पूजन कन्या पूजन के बाद ही पूरा होता है।

  • राशियों के अनुरूप भी दान का महत्व है।
  • वृष- सफेद रूमाल दान करें।
  • मिथुन- चुनरी दान करें।
  • कर्क- , सफेद कपड़ा, शंख और कपूर।
  • सिंह- माता की लाल चुनरी, लाल फूल।
  • कन्या- हरे रंग का कोई कपड़ा और हरा फल।
  • तुला- सफेद कपड़ा, सफेद फूल।
  • वृश्चिक- माता की लाल रंग की चुनरी।
  • धनु- पीला कपड़ा या पीला रूमाल।
  • मकर- नीला कपड़ा कुंभ-नीला कपड़ा व तेल।

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