World Organ Donation Day: बहन की किडनी से भाई को मिला नया जीवन, अंगदान का भी संकल्प
World Organ Donation Day 2022 लखनऊ में भाई-बहन के प्रेम ने रक्षाबंधन जैसे पर्व पर अंगदान के प्रति मिसाल पेश करते हुए जागरूकता फैलाने का काम किया है। साल भर पहले प्रो. सुजाता देव ने अपने भाई संदीप कुमार को किडनी दान कर नया जीवन दिया था।
लखनऊ, [रामांशी मिश्रा]। प्रदेश की राजधानी में भाई-बहन के प्रेम ने रक्षाबंधन जैसे पर्व को नई परिभाषा दी है। साथ ही उन्होंने अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की ओर भी कदम बढ़ाया है। साल भर पहले केजीएमयू के क्वीन मैरी अस्पताल की प्रो. सुजाता देव ने आयकर विभाग में प्रमुख आयुक्त अपने भाई संदीप कुमार को एक किडनी दान करके उन्हें रक्षाबंधन पर उपहार दिया था। सालभर बाद संदीप अब स्वस्थ हैं। प्रतिवर्ष लोगों को जीवित व्यक्ति के अंग दान और ब्रेनडेड व्यक्ति के शरीर के अंगों को दान करने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पिछले वर्ष रक्षाबंधन के समय ही डा. सुजाता और संदीप अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट आफ किडनी डिसीज एंड रिसर्च सेंटर (आइकेडीआरसी) में भर्ती हुए थे। तब सुजाता ने अस्पताल बेड पर ही अपने भाई को राखी बांधी थी। इसने संदीप को भावुक कर दिया था। उन्होंने बताया कि अब मेरे शरीर में चार किडनी हो गई हैं तो मेरी बहन के पास एक ही किडनी बची है। दरअसल संदीप का दो बार ट्रांसप्लांट हो चुका है और डाक्टरों ने उनके शरीर में मौजूद किडनी को मेडिकल आधार पर नहीं निकालने का फैसला किया था।
वहीं किडनी दान करने के बाद भी डा. सुजाता के चेहरे पर संतुष्टि के भाव ही उभरते हैं। वह कहती हैं कि जब हम एक डाक्टर के रूप में शपथ लेते हैं तो उसमें लोगों के जीवन की रक्षा का लक्ष्य होता है और यहां तो खुद मेरे भाई की जान पर बन आई थी। वह कहती हैं कि अंगदान से एक व्यक्ति को नया जीवन मिलता है। वहीं, एक ब्रेनडेड व्यक्ति के शरीर से आठ लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है। ऐसे में लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक जरूर होना चाहिए। सुजाता के पति डा. नरेंद्र बलरामपुर अस्पताल में फिजीशियन हैं।