कंटेट किएटिव है तो बेव आपके लिए है
प्रवाल शर्मा उर्फ शर्मा जी टेक्निकल और भरत नागपाल के साथ डॉ मुकुल श्रीवास्तव ने संवाद किया
लखनऊ, प्रियम वर्मा । जब वास्तविक जीवन काल्पनिक धरा पर विचरण करने लगे तो ऐसे में सुगम और संगठित तरह से लोगों के दिल-ओ-दिमाग से संवाद स्थापित कर सकते हैं। बस नजरिया रचनात्मक और इरादे पाक चाहिए। वेब की दुनिया में आने और बने रहने के लिए बुनियादी जरूरतों पर वेब की दुनिया के बादशाह सत्र में बात की गई।
संगीत नाटक अकादमी में चल रहे संवादी के दूसरे दिन विषय पर बात करने के लिए थे यूट्यूबर प्रवाल शर्मा (शर्माजी टेक्निकल) और भरत नागपाल। संचालन
कर रहे थे शिक्षक मुकुल श्रीवास्तव। चर्चा वेब की दुनिया में वक्ताओं के निजी अनुभवों से शुरू हुई और संसाधनों के साथ चैनल के रिव्यू जैसे बिंदुओं को समेटा। कंटेंट में मौलिकता और चैनल के भविष्य पर लंबी बहस चली तो कंटेंट में रचनात्मकता सत्र का निचोड़ रहा।
चर्चा के प्रमुख बिंदु
ऐसी धारणा है कि एक लाख का फोन अच्छा होगा और 20 हजार का खराब। कितना सही है?
लोग अपनी जरूरत के हिसाब से मोबाइल रखते हैं। कई बार अच्छा वीडियो कम महंगे फोन से भी बन सकता है। बी बी की वाइंस इसका उदाहरण है। मैंने जब शुरू किया था ये बताने की कोशिश की थी कि 10 हजार का फोन कोई खरीद रहा है तो उसे लेना चाहिए या नहीं। (भरत नागपाल)
चैनल की मार्केटिंग कैसे की जा सकती है?
आर्गेनिक मार्केटिंग पर विश्वास करता हूं। सब कुछ कंटेंट पर निर्भर करता है। बाकी सब कुछ सेकेंड्री है। लोग आपको जानें से ज्यादा अच्छा लगता है जब लोग आपके कंटेंट को समझें और उसके बारे में बाकी लोगों को बताएं। (भरत नागपाल)
सोशल मीडिया का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यूट्यूब का क्या भविष्य है?
क्रिएटर खत्म नहीं होंगे, प्लेटफॉर्म बदलते जाएंगे। हर कोई सब कुछ देखना चाहता है। बस वैराइटी और क्रिएटिविटी होनी चाहिए। सब कुछ कंटेंट पर निर्भर करता है। (प्रवाल शर्मा)
इंटरव्यू वीडियो के बारे में कुछ बताएं?
इंटरव्यू वीडियो ज्यादा नहीं पर जो भी बनाएं हैं। उसका सिर्फ एक फंडा है कि वीडियो में जितनी सहजता होगी उतना ही ज्यादा वो देखा जाएगा। इंटरव्यू वीडियो में सिर्फ मौके की तलाश चाहिए। (भरत नागपाल)
वेब तक का सफर
प्रवाल शर्मा: राजस्थान के बीकानेर से संबंध रखने वाले यूट्यूबर प्रवाल शर्मा ने बीटेक के बाद नौकरी के साथ कई सालों तक चैनल के लिए काम किया। कहते हैं नए फोन मंगवाता था, इस्तेमाल करता था। फिर सोचा कुछ नया करते हैं। कुछ दिखा तो वीडियो बना डाला और अपलोड कर दिया। यही सिलसिला जारी रखा।
भरत नागपाल: अच्छा कंटेंट जब भी ढूंढता था तो वीडियो में बहुत कम मिलता था। सोचा क्यों न शोध के बाद खुद बनाऊं। वीडियो बनाकर डाला तो समझ आ गया था कि लोगों को अच्छा कंटेंट चाहिए। किसी भी विषय पर रिसर्च किया जा सकता है। रचनात्कता के बहुत विकल्प हैं। बड़ा मुद्दा ये है कि ब्रांड को आगे रखो खुद को नहीं। अच्छा कंटेंट कहीं से भी मिल सकता है।
सवाल - जवाब:
सोशल मीडिया पर क्या इस्तेमाल करना चाहिए? (रीता सिंह)
अगर किसी व्यवसाय में है या किसी सोच को लोगों तक पहुंचाना चाहती हैं तो वेब आपके लिए है। इससे जुड़े वीडियो बनाने चाहिए। बाकी फीडबैक दर्शक खुद दे देंगे। (प्रवाल शर्मा)
हेल्थ से जुड़े कुछ वीडियो बनाए हैं? कैसे प्रचार करूं? (श्वेतकेतु शर्मा)
किसी विषय पर अगर वीडियो बना रहे हैं तो सेगमेंट बांटते हुए उसे क्रमबद्ध करें। कुछ वीडियो डालकर बंद न कर दें। (प्रवाल शर्मा)
कई चैनल हैं? खुद को स्थापित कैसे करें।
ऐसा कुछ सोचिए, जिसको देखे बिना लोगों का काम न चले या उसकी आदत पड़ जाए। (भरत नागपाल)