World Obesity Day : जेनेटिक मोटे लोग जल्द नहीं होते दिल के मरीज Lucknow news
हार्मोनल डिसऑर्डर भी एक कारण है जैसे कि आजकल थायरॉयड के चलते भी लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं।
लखनऊ, (कुसुम भारती)। ज्यादातर लोग अपने मोटापे को लेकर परेशान रहते हैं और पतला होने के लिए लाखों जतन करते हैं, फिर भी मोटापा कम नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार आनुवंशिक मोटापे की अपेक्षा लाइफ स्टाइल व फास्ट फूड व अनियमित खानपान से अर्जित किया मोटापा ज्यादा खतरनाक होता है। 11 अक्टूबर को वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर कुछ विशेषज्ञ दे रहे हैं जानकारी..
मोटापे के कई कारण
एसजीपीजीआइ में एंडोक्राइन एंड मेटाबोलिक सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. ज्ञानचंद कहते हैं ओबेसिटी के ज्यादातर कारणों में जेनेटिक भी एक है। इसमें कोई कम भी खाता है तब भी वह मोटा हो जाता है। वहीं हार्मोनल डिसऑर्डर भी एक कारण है जैसे कि आजकल थायरॉयड के चलते भी लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। महिलाओं में पॉली डिस्टिक्ट ओवेरियन डिसीज या सिंड्रोम भी एक कारण है।
फास्ट फूड से बच्चे हो सकते हैं शुगर के मरीज
डॉ. ज्ञानचंद के मुताबिक, फास्ट फूड खाने से बच्चों के हार्मोस डिस्टर्ब हो जाते हैं, जिससे उनका मेटाबॉलिज्म भी डिस्टर्ब हो जाता है। फास्ट फूड के अधिक सेवन से बच्चों के शरीर में ज्यादा इंसुलिन बनने लगता है जो आगे चलकर उन्हें शुगर का मरीज बना सकता है।
खतरनाक नहीं होती जेनेटिक
केजीएमयू में फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. वानी गुप्ता कहती हैं जेनेटिक ओबेसिटी की अपेक्षा लाइफ स्टाइल और फास्ट फूड के जरिये गेन की गई ओबेसिटी ज्यादा खतरनाक होती है। जेनेटिक मोटे लोग जल्दी दिल के रोगी नहीं होते हैं। मतलब यह नहीं कि वे खानपान को लेकर लापरवाह हो जाएं।
कर सकते हैं कंट्रोल
- मोटापे से बचने के लिए जिम, योग करने के बाद हल्का नाश्ता करें
- शारीरिक श्रम करें, बच्चों को आउटडोर गेम खेलने को प्रेरित करें
- दवाओं व सर्जरी से भी वजन कम किया जा सकता है।
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