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World Hepatitis Day 2020: रखें ख्याल, हेपेटाइटिस के मरीजों को कोरोनावायरस का खतरा ज्यादा

World Hepatitis Day 2020 मरीज के इलाज में देरी कर सकती है लिवर फेल्योर। देश में हर साल ढाई लाख मरीज तोड़ देते हैं दम। 05 करोड़ मरीज हैं देश में हेपेटाइटिस बी के।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:52 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:52 AM (IST)
World Hepatitis Day 2020: रखें ख्याल, हेपेटाइटिस के मरीजों को कोरोनावायरस का खतरा ज्यादा
World Hepatitis Day 2020: रखें ख्याल, हेपेटाइटिस के मरीजों को कोरोनावायरस का खतरा ज्यादा

लखनऊ, जेएनएन। World Hepatitis Day 2020: हेपेटाइटिस को नजरंदाज करना ठीक नहीं है। समय पर इलाज से बीमारी का निदान मुमकिन है। लेकिन, इस बीमारी से ग्रसित मरीज सतर्क रहें। उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। संक्रमण की चपेट में आने पर मरीज की तकलीफ भी बढ़ जाती हैं, जो जानलेवा भी हो सकती हैं।

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केजीएमयू के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा के मुताबिक हेपेटाइटिस वायरस लिवर पर अटैक करता है। इससे लिवर के फंक्शन गड़बड़ा जाते है और इम्युन सिस्टम के प्रोटीन निर्माण में दिक्कत आती है। ऐसे में मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण होती है। इसके मरीज इम्युनो कंप्रोमाइज्ड हो जाते हैं। लिहाजा, उनमें कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा होता है।

हर वर्ष ढाई लाख मरीजों की मौत

डॉ. सुमित बताते हैं कि देश में हेपेटाइटिस-बी के चार से पांच करोड़ मरीज हैं। वहीं हेपेटाइटिस-सी के एक से दो करोड़ मरीज हैं। हर वर्ष ढाई लाख मरीजों की मौत हो जाती है। समय पर इलाज ही एकमात्र निदान है। खून की जांच से हेपेटाइटिस का पता लगाया जा सकता है।

कैसे होता है हेपेटाइटिस

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत वर्मा के अनुसार हेपेटाइटिस मुख्यत: दो प्रकार से फैलता है। एक दूषित पानी, दूसरा खून से। हेपेटाइटिस-बी का कारण अधिकतर सेक्सुअल ट्रांसमिशन व मदर टू चाइल्ड ट्रांसमिशन होता है। हेपेटाइटिस सी व डी भी ब्लड से होता है। देश में हेपेटाइटिस-डी बहुत रेयर है। हेपेटाइटिस ए व ई दूषित पानी से होता है।

ए-ई में एक फीसद में लिवर ट्रांसप्लांट

डॉ. प्रशांत के मुताबिक हेपेटाइटिस ए व ई वायरस में सिर्फ एक फीसद में ही लिवर खराब होता है, जिसके चलते ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। वहीं बी, सी, डी के मरीजों में 10 से 30 फीसद के लिवर खराब हो जाते हैं। इनमें लिवर ट्रांसप्लांट का विकल्प होता है। समय पर इलाज से लिवर फेल्योर होने से बचाया जा सकता है। अब तो ए व बी की वैक्सीन और सी के लिए दवाएं भी हैं।

हल्के में न लें डायरिया

डॉ. सुमित रूंगटा के मुताबिक डायरिया को भी कमतर न आंकें। यह दिक्कत होने पर सतर्क होने की जरूरत है। शोध में 15 से 20 फीसद कोविड मरीजों में पाचन तंत्र, लिवर से जुड़ी बीमारी मिली हैं।

लक्षण

  • पहले की तरह सामान्य भूख का न लगना
  • दस्त की शिकायत होना
  • उबकाई-उल्टी की समस्या
  • पेट दर्द की शिकायत होना है

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