World Hemophilia Day 2021: हीमोफीलिया रोग क्या है, जानिए इसके लक्षण और उपचार
World Hemophilia Day 2021 लखनऊ के केजीएमयू के क्लिनिकल हिमेटोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. ए. के. त्रिपाठी ने बताया कि आनुवांशिक होता है हीमोफीलिया का रोग और उपचार से इसे नियंत्रित किया जाता है। इसलिए जरूरी है इसके बारे में सही जानकारी का होना...
लखनऊ, जेएनएन। World Hemophilia Day 2021 हीमोफीलिया एक आनुवांशिक रोग है। हालांकि आंकड़ों के मुताबिक प्रति 10,000 जन्म लेने वाले शिशुओं में सिर्फ एक को यह बीमारी होती है। हमारे रक्त में अनेक प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं। इनमें कुछ ऐसे होते हैं, जो रक्तस्राव को रोकते हैं। ये प्रोटीन रक्तस्राव की जगह थक्का बनाने में सहायक होते हैं। इन्हें क्लॉटिंग फैक्टर कहा जाता है। फैक्टर आठ की कमी हो तो हीमोफीलिया ए तथा फैक्टर नौ की कमी को हीमोफीलिया बी कहा जाता है।
पहचानें हीमोफीलिया को
- पेशाब से खून आना
- नाक से खून आना
- मसूढ़ों से देर तक रक्तस्राव का होना
- जोड़ों में दर्द के साथ सूजन हो जाती हो
- चोट लगने पर रक्तस्राव जल्दी रुक न रहा हो
- शरीर में त्वचा के नीचे रक्त जमने से स्थान नीला पड़ जाता हो
हीमोफीलिया रोग के लक्षण केवल पुरुषों में ही प्रकट होते हैं, जबकि महिलाएं वाहक होती हैं। हीमोफीलिया से पीड़ित बच्चों में लक्षण बचपन से दिखने लगते हैं। ऐसे बच्चों के चोट लगने पर या स्वत: जोड़ों में रक्तस्राव की वजह से दर्द एवं सूजन आ जाती है। इससे घुटने, कलाई और टखनों के जोड़ प्रभावित होते हैं। कई बार पेट या ब्रेन में ब्लीडिंग होने से जान का खतरा भी हो जाता है।
जागरूकता से हीमोफीलिया की पहचान जल्दी की जा सकती है। इससे होने वाली जटिलताओं से भी बचा जा सकता है। मरीज के अभिभावक को बीमारी के बारे में जानकारी होने पर भ्रम या भय को दूर किया जा सकता है तथा रोगी की देखभाल अच्छी तरह हो सकती है।
हीमोफीलिया का उपचार
- फैक्टर
- फिजियोथेरेपी
- प्राथमिक घरेलू उपचार
- सही जानकारी एवं जागरूकता
हीमोफीलिया का सही इलाज है रोगी को नियमित रूप से फैक्टर देते रहना। इससे रक्तस्राव होने ही न पाए व मरीज के शरीर के जोड़ ठीक रहें और वह अपनी सामान्य जिंदगी जी सके। यह विधि दुनिया के अधिकांश देशों में प्रचलित है। हीमोफीलिया के उपचार के लिए फैक्टर्स सरकार द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं।