सलाखों के पीछे अखंड सौभाग्य की कामना, लखनऊ नारी बंदी निकेतन में महिलाओं ने रखा करवा चौथ व्रत, देखें तस्वीरें
करवा चौथ पर लखनऊ के नारी बंदी निकेतन में भी महिलाओं ने अरने सुहाग की रक्षा के लिए व्रत रखा। यहां 10 साल से लेकर आजीवन कारावास और फांसी जैसी लंबी अवधि की सजा से सजायाफ्ता महिलाएं ही रखी जाती हैं।
लखनऊ, जेएनएन। अपने सुहाग को सलामत रखने के लिए सुहगिनों ने आज करवा चौथ का व्रत रखा। चांद देखने के बाद सुहागिनें व्रत तोड़ा। करवा चौथ पर लखनऊ के नारी बंदी निकेतन में भी महिलाओं ने अरने सुहाग की रक्षा के लिए व्रत रखा। यहां 10 साल से लेकर आजीवन कारावास और फांसी जैसी लंबी अवधि की सजा से सजायाफ्ता महिलाएं ही रखी जाती हैं। इनमें से 50 महिला बंदियों ने अपने सुहाग की रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखा और परंपरागत तरीके से पूरे पूजन अर्चन किया।
एक ओर रविवार को जहां महिलाएं पति के साथ चांद का दीदार कर रही थीं तो कई मोबाइल फोन और लैपटाप के मध्यम से पति को देख रही थीं। इससे इतर लखनऊ के नारी बंदी निकेतन में जेल की चहार दीवारी के पीछ महिलाएं चांद में ही अपने सुहाग की परछाई की अनुभूति कर अखंड सौभाग्य की कामना कर रहीं थीं।
नारी बंदी निकेतन की चहारदीवारी के बीच सुहागिन महिला बंदी चांद को देखकर पति की लंबी उम्र की कामना कर रही थीं। पूजन से पूरे परिसर मेें उत्सव का माहौल छा गया। दिन भर उपवास के बाद महिलाओं ने शाम को परिसर में ही विधि-विधान के साथ चौक बनाकर रखकर करवाचौथ की कथा कही और आरती की। इसके बाद बंदी महिलाओं ने चांद देखकर पति की लंबी आयु की कामना की। नारी बंदी निकेतन की 185 महिला बंदियों 50 से अधिक महिलाओं ने पूजन किया। जेल प्रशासन की ओर से महिला बंदियों को करवा के साथ ही पूजन का पूरा इंतजाम किया गया था।
वहीं, जिला जेल बुलंदशहर, रायबरेली समेत सूबे की तमाम जेलों में जहां महिला बंदी हैं। उन सभी महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा। कई जेलों में तो महिलाएं भी पहुंची जहां उनके पति बंद थे। महिलाओं ने पूजा करके अपने पतियों को देखकर व्रत तोड़ा।
लखनऊ जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि करवा चौथ मनाने वाली महिलाओं ने अपने सर्किल में विधि विधान से पूजा की। उनके लिए पूजन की सारी व्यवस्था की गई थी। व्रत रखने वाली महिलाओं को बड़ा खाना की व्यवस्था की गई थी। व्रत तोड़ने के बाद महिला बंदियों ने भोजन किया। इसके बाद उन्हें उनकी बैरक में कर दिया गया।