Coronavirus protection : लखीमपुर में महिलाओं ने बनाई पीपीई किट, गुणवत्ता देख राज्य स्तरीय बोर्ड ने दी मंजूरी
राज्य स्तरीय बोर्ड से सैंपल पास होने पर मुख्य सचिव चिकित्सा ने दिया ऑर्डर युद्धस्तर पर निर्माण में जुटीं समूह की महिलाएं।
लखीमपुर, जेएनएन। एक तरफ पूरी दुनिया जहां कोरोना महामारी से निपटने के लिए संसाधनों की कमी से जूझ रही है, वहीं खीरी जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने चिकित्सा, सफाई और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए पीपीई किट तैयार किया है, जिसे विशेषज्ञों की राज्य स्तरीय बोर्ड ने गुणवत्तापूर्ण बताकर मंजूरी दे दी। प्रदेश का यह पहला जिला है, जहां समूह की महिलाओं ने पीपीई किट तैयार कर राज्य सरकार का ध्यान खींचा है।
मुख्य सचिव चिकित्सा ने सीडीओ अरविंद सिंह को फोन कर महिलाओं की इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और प्रदेश के अन्य जिलों में सप्लाई के लिए 1000 किट तैयार करने का अनुरोध किया है। जिले के ईसानगर में नौ, निघासन, लखीमपुर व कुंभी की पांच-पांच व पलिया की चार समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार पीपीई किट को शासन में सैंपल के तौर पर गुणवत्ता जांचने के लिए भेजा गया था।
सीडीओ के प्रयास के बाद शासन से संचारी रोग शाखा में अपर निदेशक डॉ. आरके गुप्ता, संयुक्त निदेशक डॉ. एचके अग्रवाल, संयुक्त निदेशक मलेरिया डॉ. अवधेश यादव तथा फूलबेहड़ सीएचसी प्रभारी डॉ. अमितेश द्विवेदी की राज्य स्तरीय टीम गठित की गई। परीक्षण में पीपीई किट का फैब्रिक संतोषजनक पाया गया है। बॉडी कवर का बंधन अंदर की तरफ बांधने का सुझाव दिया गया है। हेड कवर में आंख, मुंह, नाक के एरिया में खुलने वाले स्थान की डिजाइन में संशोधन व फेश शील्ड के ऊपर माथे पर लगने वाले स्पंज को पतला रखने का सुझाव दिया गया है।
संचारी रोग निदेशक ने पीपीई किट के उपयोग की मंजूरी दे दी है। सीडीओ अरविंद कुमार ने बताया कि एक पीपीई किट की अनुमानित कीमत 550 रुपये रखी गई है। जिसमें महिलाओं की पारिश्रमिक भी शामिल है। फिलहाल महिलाओं द्वारा तैयार पीपीई किट सबसे पहले जिले के कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जाएगा, इसके बाद ही प्रदेश के अन्य जिलों के लिए राज्य सरकार को पीपीई किट बेची जाएगी।
क्या होता है पीपीई किट
पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स। नाम से ही स्पष्ट है कि ऐसे सामान जिससे संक्रमण से खुद को बचाने में मदद मिले। कोरोना वायरस चूंकि संक्रामक बीमारी है इसलिए इससे बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, बार-बार हाथ साफ कर रहे हैं, लोगों से दूरी बनाकर बात कर रहे हैं। आम लोगों तो मास्क और दास्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट्स हैं।
अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग तरह के पीपीई किट्स हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर मास्क, ग्लोव्स, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेस शील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट्स इसमें गिने जा सकते हैं।