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Karwa Chauth 2020: चांद के दीदार के इंतजार में चांदनी, कोई पहला तो कोई रखेगा 50वां व्रत

करवाचौथ काे लेकर महिलाओं में बड़ा उत्साह है किसी के लिए ये पहला अनुभव है तो कोई अखंड सुहाग के पर्व की रजत और स्वर्ण जयंती मना रहा। उत्साह उल्लास और उमंग एक सा है। व्रत और पूजन के साथ ही सोलह श्रृंगार की तैयारी भी पूरी है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 08:16 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 08:16 AM (IST)
Karwa Chauth 2020: चांद के दीदार के इंतजार में चांदनी, कोई पहला तो कोई रखेगा 50वां व्रत
व्रत और पूजन के साथ ही सोलह श्रृंगार की तैयारी भी पूरी है।

लखनऊ, जेएनएन। किसी के लिए ये पहला अनुभव है, तो कोई अखंड सुहाग के पर्व की रजत और स्वर्ण जयंती मना रहा। उत्साह, उल्लास और उमंग एक सा है। व्रत और पूजन के साथ ही सोलह श्रृंगार की तैयारी भी पूरी है। बस चांद के दीदार का इंतजार है।

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रस्मों को अनुभव करने का पहला मौका


केजीएमयू के डिपार्टमेंट ऑफ फिजियोलॉजी की डॉ. रितू तिवारी और मर्चेट नेवी इंजीनियर प्रणव शर्मा का विवाह हाल ही में 25 अक्टूबर को हुआ। अपने पहले करवाचौथ व्रत को लेकर उत्साहित रितु कहती हैं, अब तक करवाचौथ की रस्में सिर्फ फिल्मों में ही देखी हैं। इस बार इसे हकीकत में अनुभव करने का मौका मिलेगा। अखंड सुहाग की कामना के साथ ही हर विवाहिता की तरह मैं भी करवाचौथ पर मिलने वाले उपहारों के इंतजार में हूं।

सुहाग की कामना के पांच दशक

मीरा पांडेय बताती हैं, चार बच्चे हैं सभी की शादी हो गई। पति उमाशंकर पांडेय भी रिटायर हो गए हैं, लेकिन निर्जला व्रत का 50वां साल खास है। मुझे तो याद नहीं था, लेकिन मेरे पति ने मुझे याद दिलाया और अब इस दिन को यादगार बनाने की तैयारी में हूं। शादी के पुराने जोड़े को अब भी सुरक्षित रखा है। रंग उतर गया है, लेकिन मेरे सुहाग का रंग पांच दशक बाद भी उतना की चटक है। पारंपरिक तरीके से इस दिन को मनाऊंगी। अपनी उम्र के हिसाब से श्रृंगार का सामान खरीद लिया है। बस अब व्रत की तैयारी है। 

निर्जला व्रत की सिल्वर जुबली 

कृष्णा नगर के इंद्रलोक कॉलोनी निवासी शांति कहती हैं, सुहाग की कामना के पर्व को मनाते 25 साल कब गुजर गए पता ही नहीं चला। पति आइवी सिंह सेवानिवृत्त हो गए है। इस बार उनमें भी सिल्वर जुबली करवा चौथ मनाने का उत्साह नजर आ रहा। बच्चों ने शादी का स्पेशल जोड़ा मंगाया है तो आसपास की महिलाओं ने भी बधाई दी है। चलनी में अपने सुहाग को निहारने की उत्सुकता जो 25 साल पहले थी वह अभी भी है। तैयारी पूरी हो गई है। सारा सामान मैं खुद लेकर आई हूं। पर्व का उल्लास है, बस कोरोना के कारण रिश्तेदार चाहकर भी नहीं आ पा रहे हैं।

हमेशा की तरह पति बनाएंगे खाना

विकास नगर की रहने वाली संजना सहगल ने बताया कि इस वर्ष हम 25 वां करवा चौथ मना रहे हैं। पति ने मेरे और अपने लिए नए कपड़े खरीदे हैं। साथ ही वो उस दिन खाना भी बनाएंगे। पहली भी वो मेरे लिए करवा चौथ पर खाना बनाते रहे हैं। कोरोना की वजह से हम घर पर ही सेलिब्रेट करेंगे, बाहर कहीं जाने का प्रोग्राम नहीं बनाया है।

सैलून जाकर होऊंगी तैयार

इस साल अपना पहला करवाचौथ मनाने जा रहीं अलीगंज निवासी जान्हवी सिंह यादव ने बताया कि इसके लिए अपना लहंगा भी तैयार कर लिया है। साथ ही कुछ दिनों पहले ही सैलून बुक कर लिया था। हर पत्नी के लिए ये दिन बहुत खास होता है। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूं कि वो सभी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें और सबका सुहाग सलामत रखें। 

डॉक्टर दंपती का करवाचौथ व्रत और ड्यूटी साथ-साथ  

क्वीन मेरी अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व प्रवक्ता डॉ. स्मृति अग्रवाल कहती हैं, इस बार करवाचौथ मेरे लिए बेहद खास है क्योंकि पति कोविड का शिकार हो गए थे। करवाचौथ पर ईश्वर का धन्यवाद करना है। हर साल पति की दीर्घायु की कामना करने वाली हर सुहागिन के लिए यह साल बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है। सभी का सुहाग बना रहे इसी कामना के साथ त्योहार मनाऊंगी। मैं तो करवाचौथ के दिन हर साल व्रत रखकर हॉस्पिटल में ड्यूटी करती हूं। दरअसल व्रत रखकर हॉस्पिटल में काम करना मेरे लिए आसान हो जाता है क्योंकि इस दौरान मैं अपनी भूख-प्यास सब भूल जाती हूं। दिन भी आराम से गुजर जाता है और शाम को घर जाकर पूजा की तैयारी करती हूं। पति एक निजी अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग में कार्यरत हैं। करवाचौथ के दिन वह भी जल्दी घर आ जाते हैं। शाम को पूजा के लिए घर पर मेरी दो-तीन दोस्त भी आ जाती हैं। उनके साथ मिलकर पूजा करती हूं।

परंपरा के साथ फर्ज भी निभा रही

डफरिन अस्पताल में एसआइसी डॉ. सुधा वर्मा कहती हैं, डॉक्टरों का जीवन वैसे भी बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। वहीं, इस बार कोरोना काल में ड्यूटी करते हुए डॉक्टर व पत्नी दोनों का फर्ज निभाना है। वह कहती हैं, एक डॉक्टर को भी आम महिलाओं की तरह ही इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। मैं भी इस दिन व्रत रखती हूं। आज तक करवाचौथ के दिन कभी छुट्टी नहीं ली है। मरीजों के बीच काम करते हुए वक्त का पता ही नहीं चलता है। शाम को घर पर पूरे रीति-रिवाज के साथ करवाचौथ की पूजा करती हूं।


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