महिलाकर्मी से बोले डीपीओ... 'आ रही हो या नहीं', फिर हुआ ऐसा Raebareli news
181 हेल्पलाइन में तैनात सुगमकर्ता ने जिला प्रोबेशन अधिकारी पर लगाए हैं संगीन आरोप। शासन के निर्देश पर एडीएम प्रशासन को जांच डीपीओ समेत कई कर्मियों के बयान दर्ज।
रायबरेली, जेएनएन। महिला सुरक्षा के लिए बनी हेल्पलाइन 181 में तैनात कर्मी का ही शारीरिक और मानसिक उत्पीडऩ किए जाने का मामला सामने आया है। ये आरोप विभाग के जिला प्रोबेशन अधिकारी पर लगे हैं। पीडि़ता ने बातचीत की दो रिकार्डिंग भी दी हैं। इसमें डीपीओ उसे कमरे में आने के लिए दबाव बना रहे हैं। वहीं अफसर सफाई में कह रहे हैं कि हम अपने कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते हैं।
महिला हेल्पलाइन 181 की सुगमकर्ता के मुताबिक डीपीओ उदय शंकर मालवीय दिसंबर 2018 से उसे प्रताडि़त कर रहे हैं। पहले वह आशा ज्योति कार्यालय पर आकर अश्लील हरकतें करते थे। फिर जहां किराए पर कमरा लिया था, वहीं इंदिरा नगर में बगल में इन्होंने भी कमरा ले लिया। फिर मोबाइल पर काल करके कमरे में आने के लिए कहते थे। पानी सिर के ऊपर गया तो उसने एसडीएम शालिनी प्रभाकर की मदद से डीएम को प्रकरण बताया।
उसके बाद डीपीओ ने उसे और तीन अन्य साथियों को यहां से हटाने के लिए संबंधित फर्म को पत्र जारी कर दिया। जब वह पक्ष रखने लखनऊ गई तो वहां भी उसे यह कहकर भेज दिया गया कि डीपीओ से मिलकर चलिए, या थोड़े दिन छु्ट्टी ले लीजिए। प्रशासनिक स्तर पर न्याय न मिलने पर मुख्यमंत्री, महिला कल्याण समेत कई विभागों से पत्राचार किया। इसके बाद एडीएम प्रशासन राम अभिलाष को जांच मिली।
कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते हैं : डीपीओ
काल रिकार्डिंग के बाबत जब डीपीओ यूएस मालवीय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम अपने कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते हैं। इसलिए इस तरह से बात की। क्योंकि मैंने चारों सुगमकर्ताओं के स्थानांतरण के लिए पत्र लिखा, इसलिए मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है।
एडीएम बोले
एडीएम प्रशासन राम अभिलाष ने बताया कि प्रकरण में डीपीओ और विभाग के चार-पांच कर्मियों के बयान दर्ज हो चुके हैं। चार-पांच दिन से जांच चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट डीएम को सौंप दी जाएगी।
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