Lockdown in Lucknow: घंटाघर पर प्रदर्शनकारी महिलाओं का प्रदर्शन खत्म, छोड़ गईं दुपट्टा और मंच
Lockdown in Lucknow 17 जनवरी से महिलाएं दे रही थीं धरना कई बार पुलिस से की अभद्रता। सैकड़ों लोगों के खिलाफ दर्ज है दर्जनों एफआइआर कई भेजे गए थे जेल भी।
लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के विरोध में राजधानी स्थित घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने सोमवार को अस्थायी रूप से धरना स्थगित कर दिया है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है कि कोरोना वायरस को लेकर सरकारी आदेश के कारण वह अपना प्रदर्शन अस्थायी रूप से स्थगित कर रही हैं। घंटाघर पर अपना दुपट्टा और अन्य सामान छोड़ कर जा रही हैं। स्थिति सामान्य होने पर वह प्रदर्शन फिर से चालू करेंगी।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि वह कोरोना वायरस के समाप्त होने तक धरना स्थगित कर रही हैं। इसके बाद दोबारा सीएए और एनआरसी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगीं। महिलाओं ने घंटाघर पर बनाया गया अपना मंच वैसे ही छोड़ रखा है। यही नहीं कुछ दुपट्टे भी वहां पर टांगे गए हैं, जिसे महिलाओं ने धरना का संकेतक बताया है। महिला प्रदर्शनकारियों के जाने के बाद पुलिस वहां पर सफाई अभियान शुरू किया गया। नगर निगम के कर्मचारियों ने घंटाघर के आसपास साफ सफाई की।
वहीं, मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना ने बताया कि कोरोना वायरस को पैर पसारते देख हमने घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन को विराम दे दिया। सभी ने मिलकर यह फैसला लिया है कि अभी कुछ दिनों के लिए प्रदर्शन को मुल्तवी कर दिया जाए। कोरोना वायरस की जंग जीतने के बाद सीएए व एनआरसी के विरोध में प्रोटेस्ट जारी रखेंगे।
बता दें, बीते 17 जनवरी से प्रदर्शकारी महिलाओं का प्रदर्शन घंटाघर पर जारी रहा। कोरोना वायरस में भी महिलाओं ने सरकार के बचाव कार्यों पर ध्यान नहीं दिया। वहीं, बीते दिन पीएम मोदी के जनता कर्फ्यू के अवाहन का भी पालन नहीं किया गया। रविवार को भी महिलाएं प्रदर्शन में शामिल रहीं। पुलिस प्रशासन की ओर से महिलाओं को नोटिस जारी किया जा चुका था। बावजूद इसके महिलाओं ने प्रदशर्न जारी रखा। उधर, निर्देशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ पुलिस एफआइआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि घंटाघर पर प्रदर्शन समाप्त कराने के लिए पुलिस के आलाधिकारी लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। प्रदर्शन के बीच महिलाओं के बीच कई बार अराजक तत्व शामिल हो गए थे और वहां का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। पुलिस ने अराजकतत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा था। इस दौरान महिलाओं ने पुलिसकर्मियों से अभद्रता और धक्का मुक्की भी की थी। इस प्रकरण में ठाकुरगंज पुलिस ने सैकड़ों लोगों के खिलाफ करीब एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज किए हैं। उधर, उजरियांव गांव में भी प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। महिलाओं का कहना है कि सब सामान्य होने के बाद वह दोबारा धरने पर बैठेंगीं।