अनी बुलियन ट्रेडिंग कंपनी की महिला अधिकारी गिरफ्तार, 50 से अधिक लोगों से ठगी करने का आरोप
अनी बुलियन व उससे जुड़ी अन्य कंपनियों ने हजारों लोगों के करोड़ों रुपये हड़प लिए थे। अनी बुलियन के खिलाफ गोमतीनगर पीजीआई समेत कई अन्य पुलिस स्टेशनों में एफआईआर हैं। इस ठगी का मास्टरमाइंड अजीत कुमार गुप्ता विष्णु गुप्ता राम गोपाल व अन्य लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। करोड़ों की ठगी के आरोप में गोमतीनगर पुलिस ने मंगलवार शाम अनी बुलियन ट्रेडिंग कंपनी की महिला अधिकारी सीमा गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया है। इंस्पेक्टर केके तिवारी ने बताया कि सीमा कैंट क्षेत्र की रहने वाली हैं। सीमा पर 50 से अधिक लोगों से ठगी करने का आरोप है। अक्टूबर 2020 में कैंट निवासी मो. वसीम और दिनेश कुमार ने अनी बुलियन ट्रेडिंंग कंपनी के कई लोगों के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। पड़ताल में पता चला कि सीमा ने भी लोगों के रुपये कंपनी में निवेश कराकर ठगी की थी।
गौरतलब है कि अनी बुलियन व उससे जुड़ी अन्य कंपनियों ने हजारों लोगों के करोड़ों रुपये हड़प लिए थे। अनी बुलियन के खिलाफ गोमतीनगर, पीजीआई समेत कई अन्य पुलिस स्टेशनों में एफआईआर हैं। इस ठगी का मास्टरमाइंड अजीत कुमार गुप्ता, विष्णु गुप्ता, राम गोपाल व कुछ अन्य लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।अनी बुलियन कंपनी के नाम पर करीब 600 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोपित अजीत कुमार गुप्ता को पीजीआइ थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अजीत पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। अजीत ने न केवल राजधानी बल्कि सुल्तानपुर, अयोध्या, बाराबंकी, हरदोई व प्रतापगढ़ समेत अन्य जिलों के किसानों व सेवानिवृत्त फौजियों से करोड़ों रुपये हड़पे थे। आरोपित ने वर्ष 2010 में एनी बुलियन के नाम से कंपनी खोली थी जिसमें उसने सोना, चांदी, हीरा व सिक्कों का कारोबार दर्शाया था, लेकिन कंपनी की ओर से कोई काम नहीं किया जाता था। अजीत के खिलाफ कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं।
मुआवजा पाए किसानों को बनाया निशाना : अजीत ने मुआवजा पाए किसानों, सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों व अन्य लोगों को निशाना बनाया था। इसके बाद उनसे जमा रुपये निवेश करने की बात कही और 40 प्रतिशत वार्षिक मुनाफा देने का झांसा दिया। लोगों से कर्ज पर रुपये लेने का हलफनामा बनाया और फिर उन रुपयों को सोना चांदी की तस्करी व शेयर मार्केट में लगा दिया। शुरुआत में अजीत ने लोगों को मुनाफे की रकम वापस भी की, जिससे लोगों को उसपर भरोसा हो गया। इसके बाद कई जिलों में इसने लोगों से करोड़ों रुपये ले लिए। अजीत ने दिल्ली, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में भी लोगों से ठगी की है। 10 अन्य कंपनियां भी बनाई आरोपित ने 10 अन्य कंपनियां भी खोल ली थी। निवेशक का समय पूरा हो जाने पर वह उन्हें प्रलोभन देकर जाली कागजात के जरिए उनके रुपये दूसरी कंपनी में निवेश करा देता था, लेकिन हकीकत में रकम उसी के पास रहती थी। वर्ष 2016 में नोटबन्दी के बाद लोगों ने अपने रुपये वापस मांगे तो अजीत टालमटोल करने लगा और फोन बंद कर फरार हो गया। अजीत ने अलग अलग शहरों व राज्यों में अपना ऑफिस खोल रखा था। पुलिस को आरोपित की करीब छह सौ करोड़ की संपत्ति का पता चला है।