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बाराबंकी में एक साथ गूंजी पांच बच्‍चों की किलकारी, एक नवजात को श्वास की दिक्‍कत; लगाया गया ऑक्सीजन

बाराबंकी के सूरतगंज क्षेत्र का मामला। महिला ने दिया पांच बच्‍चों को जन्‍म। मां की हालत स्‍वस्‍थ बच्‍चों को चिकित्सीय देखरेख में मशीन में रखा गया।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 07:22 PM (IST)
बाराबंकी में एक साथ गूंजी पांच बच्‍चों की किलकारी, एक नवजात को श्वास की दिक्‍कत; लगाया गया ऑक्सीजन
बाराबंकी में एक साथ गूंजी पांच बच्‍चों की किलकारी, एक नवजात को श्वास की दिक्‍कत; लगाया गया ऑक्सीजन

बाराबंकी, जेएनएन। एक तरफ जहां कोरोना संकट की चपेट में लोग जान गवां रहे हैं। वहीं, उत्‍तर प्रदेश के बारांबकी से एक अच्‍छी खबर आई। यहां बुधवार की सुबह एक साथ पांच बच्‍चों की किलकारी गूंजी। इसमें एक का जन्म घर पर और चार का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में सामान्य तरीके से हुआ। महिला और बच्‍चों को जिला अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। महिला की हालत स्वस्थ बताई जा रही है। वहीं, एक बच्‍चे को श्वास लेने में कुछ दिक्कत के चलते आक्सीजन लगाया गया है। महिला का पांच वर्ष में यह दूसरा प्रसव है।

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नॉर्मल डिलीवरी, गूंजी किलकारी

मामला जिले के सूरतगंज क्षेत्र का है। यहां के कुतलूपुर निवासी कुंदन की पत्नी अनिता नौ माह की गर्भवती थी। बुधवार की सुबह महिला ने घर पर एक बच्‍चे का जन्‍म दिया। आननफानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां उसने चार और बच्‍चों को जन्‍म दिया। महिला और बच्‍चों को जिला अस्‍पताल रेफर कर दिया गया। इनमें से दो लड़के और तीन लड़की है। इनमें से दो के वजन एक किलो सौ ग्राम है वहीं दो का 900 ग्राम है। जबकि एक का 800ग्राम है। 28 सप्ताह में महिला ने इन बच्चों को जन्म दिया है। वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉआइबी तिवारी ने बताया कि बच्चों का वजन सामान्य बच्चों से काफी कम है। इसलिए इन्हें चिकित्सीय देखरेख में मशीन में रखा गया है। एक बच्चे को ऑक्सीजन दिया गया है। मां स्वस्थ है। 

अल्ट्रासाउंड में आया था मल्टीपल बेवी

सीएचसी प्रभारी डॉ.राजर्षि त्रिपाठी ने बताया कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में मल्टीपल बेबी लिखा था। पांच बच्चे होने का जिक्र नहीं था। स्टाप नर्स केशव चौबे व रिना राव ने सफल प्रसव करया है। सभी बच्चे अलग-अलग लेयर में थे। बच्चेदानी में उनकी नाल अलग-अलग जगह जुड़ी थीं। जिससे उन्हें पोषक तत्व मिल रहे थे।


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