लोहिया में गर्भवती को कोरोना जांच के लिए दौड़ाया, व्हीलचेयर पर हुआ प्रसव; जांच के आदेश
मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद लोहिया संस्थान की इमरजेंसी सेवाओं में नहीं हो रहा सुधार कोरोना की जांच के लिए दौड़ाने पर लाइन में लगे लगे ही हो गया गर्भवती का प्रसव।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डॉक्टरों की फौज है। यहां अधिकतर विभाग की ओपीडी बंद हैं। बावजूद, इमरजेंसी सेवाएं बदहाल हैं। सरकार ने लाखों की ट्रूनेट मशीन दी हैं। मगर, जांच में आनाकानी की जा रही है। गंभीर मरीजों को कोरोना जांच के लिए दौड़ाया जा रहा है। उनकी जिंदगी दांव पर बन रही है। ऐसे ही सोमवार को इमरजेंसी में दर्द से कराहती आई गर्भवती को भर्ती नहीं किया गया। परिवारजन टेस्ट के लिए उसे लेकर दौड़ते रहे। लिहाजा, महिला का व्हीलचेयर पर ही प्रसव हो गया।
इंदिरानगर निवासी 24 वर्षीय महिला गर्भवती थी। सोमवार सुबह उसके प्रसव पीड़ा होने लगी। परिवारजन गर्भवती को लेकर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी पहुंचे। यहां गंभीर मरीज को तत्काल भर्ती के बजाए कोरोना टेस्ट के लिए भेज दिया गया। परिवारजनों ने गंभीर हालत का हवाला देकर भर्ती की फरियाद की। मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में परिवारजन व्हील चेयर तलाश कर लाए। वार्ड ब्वॉय के बजाए खुद ही गर्भवती को कोविड डेस्क पर लेकर पहुंचे। यहां पर्चा बनवाने-स्क्रीनिंग में वक्त लग गया। वहीं व्हीलचेयर पर बैठी म हिला प्रसव पीड़ा से बेहाल हो गई। सुबह साढ़े दस बजे के करीब व्हीलचेयर पर ही उसका प्रसव हो गया।
असुरक्षित प्रसव होने से मचा हड़कंप
गर्भवती के समय पर अस्पताल पहुंचने के बावजूद उसका असुरक्षित प्रसव हो गया। ऐसे में जच्चा-बच्चा की जिंदगी खतरे में देखकर हड़कंप मच गया। परिवारजन दोबारा मरीज को लेकर इमरजेंसी भागे। महिला की हालत देखकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों में लापवाही उजागर होने का भय सताने लगा। ऐसे में तत्काल भर्ती कर जच्चा-बच्चा की जांचें कीं। प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश के मुताबिक महिला और बच्चे की हालत ठीक है।
तीन दिन में जांच तलब, डॉक्टर ड्यूटी से हटे
प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश के मुताबिक गर्भवती को भर्ती न करने व व्हीलचेयर पर प्रसव के मामले में विभागाध्यक्ष से जवाब-तलब किया गया है। वहीं चिकित्सा अधीक्षका डॉ. सरिता सक्सेना की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई है। यह तीन दिन में रिपोर्ट सौंपेंगी। इसके अलावा ड्यूटी पर तैनात एक सीनियर डॉक्टर व चार रेजीडेंट को इमरजेंसी ड्यूटी से हटा दिया गया है।
अफसरों का कुर्सी पर रौब, राउंड में हीलाहवाली
लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल सेवाएं सुधारने के लिए निदेशक, सीएमएस, दो एमएस, डिप्टी एमएस हैं। वहीं कई कमेटियां बनाई गई हैं। नोडल आॅफीसर भी नियुक्त किए गए हैं। बावजूद अफसर, डॉक्टरों की फौज 40 बेड की इमरजेंसी के संचालन में हांफ रही है। इमरजेंसी जांच के लिए ट्रूनेट मशीन सरकार ने दी है। गंभीर मरीजों को तत्काल होल्डिंग एरिया में भर्ती कर इलाज के निर्देश हैं। मगर, कुर्सी पर बैठकर जारी होने वाले निर्देश बेअसर हो रहे हैं। मौके पर राउंड में हीलाहवाली व निगरानी न करने से सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। लिहाजा, मरीजों की जिंदगी दांव पर है। यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री इमरजेंसी की सेवाएं सुधारने के सख्त निर्देश दे गए हैं।