DGP ऑफिस के पीछे युवती हत्याकांड: शव मिला फिर भी नहीं पहुंची फॉरेंसिक टीम
संवेदनशील मामले में भी हजरतगंज पुलिस की घोर लापरवाही। घटनास्थल से खुद उठाए युवती के कपड़े डायरी और मोबाइल फोन।
लखनऊ, जेएनएन। डीजीपी ऑफिस के पास हैदर कैनाल नाले में हत्या कर फेंकी गई युवती की लाश के मामले में हजरतगंज पुलिस द्वारा बरती गई घोर लापरवाही की अब परत दर परत खुल रही है। पुलिस जहां मामूली चोरी जैसे मामलों में साक्ष्य जुटाने के लिए फोरेंसिक टीम, डॉग स्क्वायड तक बुलाकर घटनास्थल का निरीक्षण कराती है। वहीं, सवाल यह उठता है कि हाई सिक्योरिटी जोन में युवती की हत्या कर फेंके गए नग्न शव के मामले में पुलिस ने फोरेंसिक टीम को क्यों नहीं बुलाया। आखिरकार इसके पीछे पुलिस की क्या मंशा थी? पुलिस ने इस मामले में उच्चाधिकारियों को तत्काल क्यों जानकारी नहीं दी आदि कई सवाल खड़े होते हैं।
कपड़े बरामद कर पुलिस न साथ ली थी चुप्पी
युवती 31 मार्च को लापता हुई। एक अप्रैल को उसकी हजरतगंज कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कर ली। अगले दिन दो अप्रैल को पुलिस ने हैदर कैनाल के पास स्थित शिव मंदिर से युवती के कपड़े, मोबाइल फोन और डायरी बरामद की। वहीं, 50 कदम दूर पड़ी पुलिस की नग्न लाश पुलिस को नजर नहीं आयी। कपड़े, मोबाइल और डायरी बरामद कर चौकी प्रभारी नरही चुप्पी साध कर बैठ गए। अगले दिन तीन अप्रैल को युवती की नग्न लाश मिली। सूचना पर चौकी प्रभारी, इंस्पेक्टर राधा रमण सिंह और सीओ अभय कुमार मिश्रा मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर हजरतगंज से जानने की कोशिश की गई कि फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर क्यों नहीं बुलाया गया तो वह चुप्पी साध गए।
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क्या कहते हैं प्रयोगशाला निदेशक?
विधि विज्ञान प्रयोगशाला निदेशक डॉ. अर्चना त्रिपाठी का कहना है कि 'टीम के एक्सपर्ट घटनास्थल से वैज्ञानिक विधि से वारदात के खुलासे के लिए साक्ष्य संकलन करते हैं, जो केस में काफी अहम होते हैं। डीजीपी कार्यालय के पास नाले में युवती की नग्न लाश मिलने की जानकारी हजरतगंज पुलिस द्वारा नहीं दी गई थी। इसलिए मेरे विभाग से कोई टीम मौके पर जांच के लिए नहीं गई।'