दो माह में 121 करोड़ से लखनऊ का विकास कराएगा नगर निगम, बनेंगी सड़कें
लखनऊ में नगर निगम को मिला 121 करोड़ का बजट सड़क से लेकर नाला निर्माण होगा।
लखनऊ, जेएनएन। वैसे तो डिफेंस एक्सपो से शहर की सूरत में चार चांद लग गया है, लेकिन आने वाले दो माह में नगर निगम 121 करोड़ से शहर में विकास के नए काम कराएगा। सड़कों के साथ ही नालों का निर्माण होगा तो निर्माणाधीन भवनों के निर्माण को गति दी जाएगी।
नगर निगम के पास 14वें वित्त आयोग से 61 करोड़ का बजट मिला था, जबकि पिछले साल के 60 करोड़ से काम होना बाकी है। अभियंताओं और ठेकेदारों की लापरवाही से 60 करोड़ का काम समय अवधि में पूरे नहीं हो पाए थे। इस बार भी विकास की योजना बनाने में लेटलतीफी हो रही है। 61 करोड़ का बजट जुलाई में ही मिल गया था, लेकिन नगर निगम की तरफ से अभी तक कोई कार्ययोजना नहीं बन पाई है।
इस कार्ययोजना को तैयार महापौर की अध्यक्षता वाली कमेटी को करना है। पिछले साल तक 14वें वित्त आयोग की राशि से विकास कार्य की मंजूरी मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी करती थी। हालांकि महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि कार्ययोजना बनाई जा रही है। यह देखा जा रहा है कि विकास की जरूरत कहां पर है। उनका कहना है कि कुछ ऐसे भी काम कराए जाएंगे, जिससे नगर निगम की एक आय भी चालू हो सके।
पार्षद भी जता चुके हैं नाराजगी
14वें वित्त आयोग की राशि से अभी तक कोई कार्ययोजना न बनने का विरोध भी पार्षद कर चुके हैं। पुनरीक्षित बजट को पास करने के लिए बुलाए गए नगर निगम सदन में सपा और कांग्रेस पार्षदों ने यह मुद्दा उठाया था और महापौर से सवाल किया था कि कार्ययोजना में विपक्षी दल के पार्षदों के वार्ड को शामिल किया जाएगा या नहीं? सपा पार्षद दल के उपनेता राजकुमार सिंह राजा और कांग्रेस पार्षद दल की नेता ममता चौधरी ने कार्ययोजना पर सवाल उठाया था।
कहीं घटिया निर्माण की भेंट न चढ़ जाए बजट
आलमबाग के बाबू कुंज बिहारी वार्ड में सड़क बन रही है। सड़क निर्माण में बजट को हजम करने की तैयारी है। पुरानी और खराब हो गई इंटरलॉकिंग टाइल्स को तोड़कर ही बेस बनाया जा रहा है, जबकि वहां पर नई गिट्टी डाली जानी चाहिए, लेकिन कमीशनखोरी और अधिक मुनाफे को लेकर यह खेल चल रहा है। नगर अभियंता से लेकर अवर अभियंता तक से यहां के निवासियों ने शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
देरी से फंस गई है रकम
पिछले साल 14वें वित्त आयोग की राशि से नगर निगम को करीब 75 करोड़ मिला था, लेकिन अभी तक 60 करोड़ के काम न होने से नगर निगम को शासन से समय सीमा बढ़ाने की अनुमति लेनी पड़ रही है।