जंगली जानवरों ने यूपी के लोगों की उड़ाई नींद, बाघ ने बहराइच-लखीमपुर में दो को मार डाला; मासूम ले गया भेड़िया
तराई क्षेत्र में वन्यजीवों का आतंक बढ़ रहा है। बहराइच में बाघ ने एक किसान को मार डाला और एक बच्ची को भेड़िया उठा ले गया। लखीमपुर खीरी में भी एक किशोरी बाघ के हमले में मारी गई। ग्रामीणों में दहशत है और वन विभाग के प्रति आक्रोश है। वन विभाग जांच कर रहा है और आर्थिक सहायता देने की बात कर रहा है।

जागरण टीम, लखनऊ: तराई क्षेत्र में वन्यजीवों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। बहराइच जिले में गुरुवार को सुबह जहां किसान भिखान आर्य की खेत में काम करते समय बाघ के हमले में मौत हो गई और घर के बाहर खेल रही तीन वर्षीय बच्ची को भेड़िया उठा ले गया, वहीं लखीमपुर खीरी में देर शाम 12 वर्षीय किशोरी ट्विंकल भी बाघ के हमले का शिकार हो गई। दोनों जिलों में लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत है और वन विभाग के प्रति गहरा आक्रोश दिखाई दे रहा है।
बहराइच के कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के ककरहा रेंज स्थित धर्मपुर बेझा गांव में 48 वर्षीय किसान भिखान आर्य रोज की तरह खेत गए थे। दोपहर में उन पर बाघ ने हमला कर दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ कई दिनों से इलाके में घूम रहा था और इसका वीडियो भी तीन दिन पहले इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा था, लेकिन वन विभाग ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की।
सूचना मिलने के बाद भी वन कर्मियों के देर से पहुंचने पर नाराजगी जताई गई। प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) सूरज कुमार ने बताया कि जांच में घटनास्थल पर तेंदुए के पगचिह्न मिले हैं और परिवार को नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसी दिन बहराइच के गजाधरपुर गांव में संतोष की तीन वर्षीय बेटी जाह्नवी को भेड़िया घर के बाहर खेलते समय उठा ले गया।
शोर सुनकर ग्रामीण लाठी-डंडा लेकर उसके पीछे दौड़े, लेकिन भेड़िया गन्ने के खेत में घुसकर गायब हो गया। बच्ची का देर रात तक कोई सुराग नहीं मिला। डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि बच्ची की तलाश में 28 टीमें सर्च आपरेशन चला रही हैं। जिले में पिछले 67 दिनों में भेड़ियों के हमलों में पांच बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो चुकी है और 34 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
उधर, लखीमपुर खीरी के ग्राम पटिहन में गुरुवार शाम ट्विंकल अपने दादा को खाना देकर लौट रही थी। जैसे ही वह गन्ने के खेत से गुजरी, उसी में छिपे बाघ ने उस पर हमला कर दिया। बाघ ने उसे गर्दन से पकड़कर खेत की ओर घसीटने का प्रयास किया। दादा के शोर मचाने पर गांव के लोग पहुंचे और किसी तरह बच्ची को छुड़ाया, लेकिन गंभीर अवस्था में उसे पलिया अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि बाघ कई दिनों से इलाके में दिखाई दे रहा था, जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

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