कोरोना चेन तोड़ने के लिए बेहतर कांटैक्ट ट्रेसिंग पर WHO ने ठोंकी यूपी की पीठ, दूसरों को अपनाने की सलाह
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए की गई कांटैक्ट ट्रेसिंग अब विश्व के दूसरे देशों के लिए नजीर बन गई है। डब्ल्यूएचओ ने उत्तर प्रदेश में की गई कांटैक्ट ट्रेसिंग को कारगर बताते हुए दूसरे देशों को भी इसे अपनाने की नसीहत दी है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए की गई कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अब विश्व के दूसरे देशों के लिए नजीर बन गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उत्तर प्रदेश में की गई कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को कारगर बताते हुए दूसरे देशों को भी इसे अपनाने की नसीहत दी है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने उत्तर प्रदेश में 70 हजार मेडिकल टीमें गठित कर डोर टू डोर सर्विलांस किए जाने को कारगर बताया है। यहां एक संक्रमित के संपर्क में आए 20 लोगों की जांच की गई है।
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक विकासेन्दु अग्रवाल ने बताया कि जुलाई से लेकर नवंबर तक आठ बार प्रदेश के सभी नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई। कोरोना वायरस का संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए 23 करोड़ आबादी को जागरूकता कार्यक्रमों की मदद से बचाव के उपाय भी बताए गए। वहीं, 64,500 से अधिक कोविड-19 हेल्प डेस्क सरकारी कार्यालयों व निजी संस्थानों में बनाए गए। इस हेल्प डेस्क पर इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से लोगों की स्क्रीनिंग की गई।
यही नहीं दिल्ली व हरियाणा में लगातार बड़ी संख्या में मिल रहे कोरोना मरीजों को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा चिंता व्यक्त की गई है, क्योंकि दिल्ली में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 13 प्रतिशत और हरियाणा में 14 प्रतिशत है। वहीं, सर्वाधिक आबादी वाले राज्य यूपी में पॉजिटिविटी रेट सिर्फ 1.4 प्रतिशत है। ऐसे में गृह मंत्रालय ने भी यूपी के प्रयासों की प्रशंसा की है।
दिल्ली से सटे यूपी के जिलों में नोएडा में करीब छह प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट बाकी बागपत, गाजियाबाद आदि में पांच प्रतिशत के आसपास पॉजिटिविटी रेट है। फिलहाल पश्चिमी यूपी के जिलों में कोरोना की टेस्टिंग बढ़ा दी गई है। देश में सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करने वाला राज्य यूपी है। अब तक 5.12 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं और 1.71 करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है।