शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अफसरों पर क्या कार्रवाई की : हाईकोर्ट
कोर्ट के सामने सरकार की ओर से स्वीकार किया गया कि गड़बड़ी हुई है, जिसकी जांच कराई जा रही है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन दिन में जांच आख्या पेश करने का आदेश दिया
लखनऊ (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में 68500 सहायक बेसिक शिक्षकों की भर्ती में सामने आ रही अनियमितताओं को देखते हुए इस भर्ती प्रक्रिया को अपने अग्रिम आदेशों के अधीन कर लिया है। कोर्ट के सामने सरकार की ओर से स्वीकार किया गया कि गड़बड़ी हुई है, जिसकी जांच कराई जा रही है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन दिन में जांच आख्या पेश करने का आदेश दिया और यह बताने को भी कहा कि इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
यह आदेश जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने सोनिका देवी की ओर से दायर एक सेवा याचिका पर पारित किया। याची ने अपनी उत्तर पुस्तिका को दोबारा जांचने की मांग की थी। पिछली सुनवाई पर यह बात सामने आई थी कि याची की कापियां बदल दी गई थी, जिसके चलते उसे कम नंबर मिले। इस पर सरकार की ओर से मामले की स्वत: जांच कराने की बात कही गई थी।
सोमवार को सरकार की ओर से 12 अभ्यर्थियों की कापियों में परिवर्तन की बात मानी गई। कहा गया कि लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है और गड़बड़ी करने वाले अफसरों का पता लगाने के लिए जांच भी की जा रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार को हलफनामा पेश कर जांच की प्रगति बताने को कहा।
दरअसल, नौ जनवरी, 2018 को 68500 सहायक बेसिक शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार ने विज्ञापन निकाला था। लिखित परीक्षा के अंकों में गड़बड़ी के लेकर सरकार ने काफी सख्त रवैया अपनाया है।
बतातें चले कि ये भर्तियां पहले से हाईकोर्ट के एक स्पेशल अपील में पारित आदेश के अधीन हैं। उस प्रकरण में सरकार ने मेरिट को कम कर दिया था।
बर्खास्त शिक्षकों से रिक्त पदों पर नियुक्ति का निर्देश
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्धार्थनगर के बीएसए को 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती में 43 अध्यापकों की बर्खास्तगी के बाद रिक्त पदों पर याचियों की नियुक्ति पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने अजय यादव व दो अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने बीएसए से कहा है कि बर्खास्तगी मामले में जांच में यदि कार्रवाई अंतिम रूप से पूरी हो गई हो तो याचियों की नियुक्ति पर तीन माह में विचार किया जाए।
मामले के अनुसार, 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती के तहत सिद्धार्थ नगर में 618 पद विज्ञापित हुए। चयन प्रक्रिया के बाद कुछ अभ्यर्थियों की ओर से फर्जी दस्तावेज लगाने की शिकायत हुई। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी से इसकी जांच कराई। जांच में 43 अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए गए। इस पर उन सभी को बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी के खिलाफ सभी 43 लोगों की याचिका भी खारिज हो गई। याचियों का कहना है कि बर्खास्त अभ्यर्थियों की नियुक्ति ही न की गई होती तो उनका चयन हो जाता। इसलिए बर्खास्तगी से रिक्त पदों पर उनकी नियुक्ति की जाए।