उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर, प्रदेश की नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी
बाराबंकी में निरंतर बारिश से यहां का जनजीवन अस्त व्यस्त है। घाघरा नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचकर प्रति घंटा एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में लगातार अत्यधिक बारिश का कहर जारी है। लगातार वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर बढऩे के साथ ही कई जगह पर बाढ़ का खतरा है। घाघरा के साथ ही अन्य नदियां उफान पर हैं। जहग-जगह पर ग्रामीण डूब वाले क्षेत्र में घर खाली कर रहे हैं।
सोनभद्र में दो दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से सभी जलाशयों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में मारकुंडी घाटी के नीचे के क्षेत्रों में सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली बलुई बंधी आज सुबह करीब आठ बजे अचानक टूट गई। इससे बंधी का पानी एक तरफ से बहने लगा है। अगर इस बंधी को शीघ्र नहीं बांधा गया तो सिंचाई के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही कई गांवों में बंधी का पानी फैल सकता है।
कानपुर में पांडु नदी का पानी बस्ती में घुसने से दो मकान धराशाई हो गए हैं। पांडु नदी का कहर फतेहपुर मलवा विकासखंड के बेनी खेड़ा, बिंदकी फार्म और जाड़े के पुरवा में भी हैं। इसके साथ ही यहां पर गंगा नदी का जलस्तर बढऩे से कटान जोरों पर है। लगातार बारिश से उफान का पानी बस्ती में घुस गया है। जाड़े के पुरवा के मुन्नू व शिवनारायण के पक्के मकान पांडु नदी की धारा में बह गये। राजस्व टीम के साथ गांव पहुंचे तहसील दार ने घर खाली करने के निर्देश दिए हैं। पनकी क्षेत्र के भयंकर जलभराव के कारण सुंदर नगर के लोगों के घरों से पलायन करने की सूचना, लोगों के पास नहीं है खाने की व्यवस्था, 48 घंटे से नहीं आ रही बिजली लोग परेशान।
बहराइच में बारिश आफत बन गई है। यहां पर शहर की मुख्य सड़क ही जलाशय की तरह नजर आ रही है। यहां के मुख्य बाजार अस्पताल चौराहा के मुख्य मार्ग पर लोग घुटनों से ऊपर तक पानी में चल रहे हैं। झमाझम बारिश के बाद घाघरा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जलस्तर बढऩे के बाद घाघरा के 65 तटवर्ती गांवों पर बाढ़ का संकट मंडरा रहा है। गोलागंज में अभी भी कटान जारी है। 10 बीघे कृषि योग्य भूमि धारा में समाहित हो चुकी है। सुबह घूरदेवी स्पर पर लाल निशान 122.150 मीटर के सापेक्ष 111.240 मीटर जलस्तर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा खतरे की निशान से 91 सेमी नीचे बह रही है। लगातार बारिश भी जलस्तर बढ़ाने का काम कर रही है। कायमपुर बेलहा बेहरौली तटबंध सम्पर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी भरा हुआ है।
बाराबंकी में घाघरा नदी के कहर के कारण एल्गिन चरसड़ी तटबंध के सामने बना रिंगबांध अब अंतिम सांसे गिन रहा है। यहां पर रात में पानी का जलस्तर कम होने से कटान भले ही रुकी है, लेकिन खतरा बना है। नदी का जलस्तर बढऩे से अस्थाई रिंग बांध कभी भी कट सकता है। रिंग बांध कटने से बाराबंकी जिले के मांझा रायपुर परसावल नयापुरा रायपुर कमियांर बांस गांव में पानी फैलेगा। जिससे यहां पर भारी तबाही होगी। यहां प्रशासन ने ग्रामीणों को अभी तक तिरपाल नहीं बांटा है। अब लोग गांव से पलायन का मन बना रहे हैं।
बाराबंकी में निरंतर बारिश से यहां का जनजीवन अस्त व्यस्त है। घाघरा नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचकर प्रति घंटा एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारी जलभराव वाले क्षेत्रों पर नजर रखे हुए हैं। डीएम ने एसडीएम व ईओ को अपने अपने क्षेत्र में निरंतर भ्रमण कर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
लखीमपुर में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के चलते नदियां उफना गई हैं। शारदा नदी पलिया में खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही। पलिया व फूलबेहड़ इलाके के कई गांव बाढ़ से घिरे। नकहा इलाके के रेहरिया गांव में शारदा ने तेज किया कटान। हालात का जायजा लेने डीएम व एसपी रेहरिया पहुंचे।