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मेरठ के कविता हत्याकांड में एसपी के खिलाफ जमानती वारंट

2006 में मेरठ विश्वविद्यालय की अस्थाई प्रवक्ता व बुलंदशहर की रहने वाली कविता की हत्या के मामले में कोर्ट में पेश न होने पर गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट ने एसपी विनय कुमार के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए हैं। मामले में पूर्व मंत्री मेराजुद्दीन आज कोर्ट में पेश हुए

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2015 07:03 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2015 07:12 PM (IST)
मेरठ के कविता हत्याकांड में एसपी के खिलाफ जमानती वारंट

लखनऊ। 2006 में मेरठ विश्वविद्यालय की अस्थाई प्रवक्ता व बुलंदशहर की रहने वाली कविता की हत्या के मामले में कोर्ट में पेश न होने पर गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट ने एसपी विनय कुमार के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए हैं। मामले में पूर्व मंत्री मेराजुद्दीन आज कोर्ट में पेश हुए लेकिन एक अधिवक्ता की मृत्यु के कारण कचहरी में कामकाज नहीं होने से सुनवाई नहीं हो सकी। इस बहुचर्चित मामले में बुलंदशहर के पूर्व मंत्री किरणपाल का नाम भी चर्चा में आया था। सीबीआइ ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। मामले में कोर्ट ने वादी को तलब किया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 जुलाई की तारीख लगाई है।

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बता दें कि कविता रानी मेरठ विश्वविद्यालय में ललित कला विभाग में अस्थाई प्रवक्ता थीं। 23 अक्टूबर 2006 में उनकी हत्या कर शव मसूरी झाल में फेंक दिया गया था। इस मामले में रविंद्र प्रधान, सुल्तान, रविंद्र, योगेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। सीबीआइ ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। रविंद्र प्रधान ने सीबीआइ को बताया था कि कविता ने पूर्व मंत्री मेराजुद्दीन की सीडी बनाई थी। इससे पूर्व मंत्री को ब्लैकमेल किया गया और रविंद्र प्रधान ने पूर्व मंत्री से सीडी की एवज में 35 लाख रुपये का लेनदेन किया था। इस रकम के बंटवारे के लिए जब कविता ने रविंद्र प्रधान पर दबाव बनाया तो उसने साथियों के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दी। सीबीआइ ने मेराजुद्दीन से पूछताछ की तो उन्होंने भी सीडी और लेनदेन वाली बात स्वीकारी। कोर्ट ने योगेश को बरी कर दिया था जबकि रविंद्र प्रधान, सुल्तान और रविंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। रविंद्र प्रधान की डासना जेल में मौत हो गई थी। बाद में मेराजुद्दीन अपने बयान से पलट गये थे। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ प्रकीर्णवाद का मामला दर्ज कर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था कि उनके खिलाफ क्यों न मामला दर्ज कर लिया जाए।


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