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डिप्टी सीएम की चेतावनीः स्कूलों की मान्यता में गड़बड़ी करने पर नपेंगे अफसर

उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि स्कूलों को मान्यता देने में यदि कोई गड़बड़ी पाई तो कार्रवाई की जाएगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 09:58 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 09:58 PM (IST)
डिप्टी सीएम की चेतावनीः स्कूलों की मान्यता में गड़बड़ी करने पर नपेंगे अफसर
डिप्टी सीएम की चेतावनीः स्कूलों की मान्यता में गड़बड़ी करने पर नपेंगे अफसर

लखनऊ (जेएनएन)। उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि स्कूलों को मान्यता देने में यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विभागीय अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने शिक्षकों के सेवा संबंधी मामलों का 15 जुलाई तक निस्तारण करने के भी निर्देश दिए। मंडलीय शिक्षा अधिकारियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों से डॉ. शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा हेतु निर्धारित शैक्षिक कैलेंडर का अक्षरश: अनुपालन कराया जाये।

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हर मंडल में दो आदर्श राजकीय कालेज

प्रदेश में संचालित पं. दीन दयाल उपाध्याय आदर्श राजकीय इंटर कालेजों में वर्तमान सत्र में ही कम से कम एक स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था करा दी जाये। कहा कि शिक्षकों की सेवा संबंधी समस्याओं व शिकायतों को निदेशालय स्तर पर ऑनलाइन पंजीकृत करने के लिए अलग ई-मेल बनाई गई है। इस पर 30 जून तक शिकायतें प्राप्त कर निस्तारण कराएं। उन्होंने बताया कि वर्तमान शैक्षिक सत्र में प्रत्येक मंडल में दो आदर्श राजकीय इंटर कालेज विकसित किये जायेंगे जिनमें उच्च कोटि की सभी सुविधाएं होंगी।

हर कालेज से नए सिरे से रिपोर्ट

यूपी बोर्ड प्रदेश भर के 26 हजार से अधिक कालेजों की नए सिरे से मॉनीटरिंग करने जा रहा है। बोर्ड प्रशासन के इस कदम से कालेजों में संसाधन बढ़ाने की होड़ मचेगी साथ ही परीक्षा की तैयारियां भी तेज हो सकेंगी। जल्द ही वेबसाइट पर आधारभूत सूचनाएं दर्ज करने का आदेश जारी होगा। इसका खाका खींचने में अफसर जुटे हैं। कालेजों की यह रिपोर्ट परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में अहम होगी, वहीं अधूरी सूचना देने वालों पर कार्रवाई की तैयारी है।

सीसीटीवी कैमरे लगवाना अनिवार्य

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की परीक्षा भले ही अगले वर्ष होनी हैं लेकिन, उसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। पिछले वर्ष परीक्षा केंद्र बने स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगवाना अनिवार्य किया गया था, वहीं कई ऐसे भी कालेज रहे जहां बायोमीट्रिक सिस्टम शिक्षकों की हाजिरी शुरू हुई थी। इस बार शासन का निर्देश है कि सीसीटीवी के सामने पढ़ाई कराने व बायोमीट्रिक का अनुपालन कराने वालों को वरीयता मिलेगी। यह भी निर्देश हुआ है कि बोर्ड प्रशासन कालेजों के पिछले वर्ष के आधारभूत संसाधनों की बजाए नए सिरे से सूचनाएं मांगे, ताकि सभी कालेज अपने यहां के संसाधन गिना सकें। उनमें जो बेहतर कालेज होंगे उन्हें परीक्षा केंद्र बनाने में मौका दिया जाएगा।

संसाधनों का ब्योरा होगा दर्ज

इस निर्देश पर बोर्ड प्रशासन कालेजों से रिपोर्ट मांगने के लिए खाका खींचने जुटा है। जल्द ही उसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और सभी कालेजों से उसी पर संसाधनों का ब्योरा लिया जाएगा। पिछले वर्ष कई कालेजों ने अधूरी सूचनाएं दर्ज की थी, मसलन उनके यहां कितने शिक्षण कक्ष हैं, उसका विस्तृत डिटेल नहीं था। उसे भी जिला विद्यालय निरीक्षकों ने अनुमोदित कर दिया था। इस बार जिला विद्यालय निरीक्षकों को भी कड़े निर्देश होंगे कि वह सारा रिकॉर्ड जांचने के बाद ही अनुमोदित करें। साथ ही अधिकांश केंद्रों का निरीक्षण करने के भी निर्देश होंगे। सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रक्रिया हर हाल में जुलाई में शुरू हो जाएगी, ताकि सारी सूचनाएं जल्द मिले और नई परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति बनाने व केंद्र निर्धारित करने में विलंब न हो।


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