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अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए देश भर में अभियान चलाएगा विश्व हिंदू परिषद

विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि आगामी मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा (27 फरवरी) तक चलाने वाले इस सघन अभियान में प्रत्येक जाति मत पंथ संप्रदाय क्षेत्र और भाषा के लोगों का राम मंदिर निर्माण में सहयोग लेने की योजना है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 06:32 PM (IST)
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए देश भर में अभियान चलाएगा विश्व हिंदू परिषद
विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों में 11 करोड़ परिवारों से संपर्क करके रामत्व का प्रसार करेंगे।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। रामनगरी अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण का श्रीगणेश हो चुका है। ऐसे में इस राम काज को जन-जन को जोड़ने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। तय किया गया है कि रामलला के मंदिर के निर्माण के लिए देश भर के प्रत्येक राम भक्त का सहयोग लिया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों में 11 करोड़ परिवारों से संपर्क करके रामत्व का प्रसार करेंगे।

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विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि आगामी मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा (27 फरवरी) तक चलाने वाले इस सघन अभियान में प्रत्येक जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र और भाषा के लोगों का राम मंदिर निर्माण में सहयोग लेने की योजना है। इस सहयोग राशि को समर्पण निधि नाम से एकत्र किया जाएगा, जिससे राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा।

बढ़-चढ़ कर आगे आने का आह्वान : असंख्य रामभक्तों के संघर्ष और बलिदान को नमन् करते हुए चंपत राय ने प्रत्येक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं बल्क, समय-दानी भी चाहिए। उनका का कहना है कि विहिप देश की कम से कम आधी जनसंख्या को घर-घर जाकर श्री राम जन्मभूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराएगी। श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के तहत वीएसची ने देश के हर कोने तक पहुंचने की योजना बनाई है।

राम मंदिर निर्माण में नहीं लगेगा विदेश का धन : बता दें कि राम मंदिर के निर्माण में विदेशी धन का उपयोग नहीं होगा, यह पूरी तरह से आम लोगों के योगदान से ही बनेगा। यहां तक कि राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट ने कंपनियों के कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड का इस्तेमाल भी मंदिर निर्माण के लिए नहीं करने का निर्णय लिया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार सीएसआर फंड का इस्तेमाल बाद में संग्रहालय, पुस्तकालय व अन्य कामों में किया जा सकता है, लेकिन मंदिर निर्माण में इसका प्रयोग नहीं होगा।

42 दिनों तक जन-संपर्क अभियान : चंपत राय ने बताया कि किस तरह से ट्रस्ट मकर संक्रांति से माघ पूर्णिमा तक 42 दिनों में पूरे देश में धन संग्रह के लिए व्यापक जन-संपर्क अभियान चलाएगा। इतने समय में कम से कम आधी आबादी तक पहुंचने की कोशिश होगी, ताकि आम आदमी को मंदिर निर्माण की प्रक्रिया से जुड़ने का अहसास हो सके। उन्होंने कहा, 'मंदिर जनता के पैसों से बनेगा, ताकि जनता कह सके कि हमारा भी इसमें योगदान है।' कूपन से चंदा दिया जा सकेगा। इसके लिए 10 रुपये के 4 करोड़ कूपन, 100 रुपये के 8 करोड़ कूपन और 1000 रुपये के 12 लाख कूपन बनाए गए हैं।


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