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सावधान! बच्चों को वायरल फीवर और डायरिया का डंक, लखनऊ में दिमागी बुखार का भी खतरा बढ़ा

मौसमी संक्रमण के चलते छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चे वायरल फीवर और डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। इससे अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है। सिविल लोहिया लोकबंधु बलरामपुर और अन्य अस्पतालों में 150 से अधिक बच्चे भर्ती हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 09:48 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 07:29 AM (IST)
सावधान! बच्चों को वायरल फीवर और डायरिया का डंक, लखनऊ में दिमागी बुखार का भी खतरा बढ़ा
सिविल अस्पताल में करीब नौ बच्चों का डायरिया वार्ड में इलाज चल रहा है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। मौसमी संक्रमण के चलते छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चे वायरल फीवर और डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। इससे अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है। सिविल, लोहिया, लोकबंधु, बलरामपुर और अन्य अस्पतालों में 150 से अधिक बच्चे भर्ती हैं। बच्चों का कोरोना टेस्ट भी किया गया। राहत की बात है कि अभी तक किसी भी बच्चे की रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। 

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सिविल अस्पताल में करीब नौ बच्चों का डायरिया वार्ड में इलाज चल रहा है। इनमें से कई को वायरल फीवर, उल्टी दस्त व खांसी-जुकाम की भी समस्या है। इसके अलावा लोहिया अस्पताल में 35, बलरामपुर में 22, लोकबंधु में 18 और निजी अस्पतालों में 50 से अधिक बच्चे भर्ती हैं। लोहिया अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डा. केके यादव ने बताया कि इस वक्त उल्टी दस्त, सर्दी खांसी, जुकाम, बुखार निमोनिया से ग्र्रस्त बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। टायफाइड के भी एक दो मामले सामने आए हैं। दिमागी बुखार से पीडि़त एक बच्चे का इलाज किया जा रहा है। मौसम में बदलाव व हाईजीन का स्तर बिगड़ने से बच्चे बीमार हो रहे हैं।

यह बरतें सावधानी 

  • घर में साफ-सफाई रखें
  • बच्चों को नहलाकर साफ सुथरे कपड़े पहनाएं
  • सभी टीके नियमित रूप से लगवाएं
  • कटे फल व देर तक असुरक्षित तरीके से रखी गई वस्तुएं खाने को न दें
  • पानी को उबालकर सामान्य कर लें और उसे ही पिलाएं
  • निमोनिया, फ्लू, खसरा इत्यादि की वैक्सीन समय पर लगवा लें।
  • पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने और पीने को दें।

मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते बच्चे वायरल फीवर और डायरिया से ग्र्रस्त हो रहे हैं। नियमित टीके लगवाते रहें। छह माह से ऊपर के बच्चों को सिर्फ दूध पर निर्भर न रखें, उन्हें अनाज व फल भी खिलाएं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। -डा. केके यादव, बाल रोग विशेषज्ञ, लोहिया संस्थान


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